क्या भूटान से लग्जरी कारों की तस्करी में ममूटी और दुलकर जैसे सितारे शामिल हैं?

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क्या भूटान से लग्जरी कारों की तस्करी में ममूटी और दुलकर जैसे सितारे शामिल हैं?

सारांश

भूटान से लग्जरी कारों की तस्करी का मामला अब गंभीर रूप ले चुका है। ईडी ने केरल और तमिलनाडु में 17 स्थानों पर छापे मारे, जिनमें ममूटी और दुलकर जैसे सितारों के घर शामिल थे। क्या ये सितारे इस तस्करी के मामले में शामिल हैं? जानिए पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • भूटान से लग्जरी कारों की तस्करी का मामला गंभीर है।
  • ईडी ने कई मशहूर हस्तियों के घरों पर छापे मारे।
  • जांच में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया गया है।
  • कस्टम विभाग ने कारों को जब्त करने का अधिकार बनाए रखा है।
  • यह मामला न्याय प्रणाली की कार्यप्रणाली को दर्शाता है।

कोच्चि, ८ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भूटान से लग्जरी कारों की तस्करी का मामला अब और गंभीर हो गया है। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केरल और तमिलनाडु में १७ अलग-अलग स्थानों पर छापे मारे। इन छापों में मलयालम फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता ममूटी, उनके बेटे दुलकर सलमान, अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन और अमित चकलक्कल के घर भी शामिल थे। ईडी ने बताया कि ये कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन से संबंधित है।

ममूटी के निवास एलमकुलम में, दुलकर के कोच्चि और चेन्नई वाले घरों, पृथ्वीराज के निवास, और अमित के कदवंथरा स्थित घर पर भी छापे मारे गए। इसके अलावा, पाँच जिलों में कार डीलरों के स्थानों पर भी तलाशी ली गई। जांच में यह सामने आया है कि कुछ लोग भूटान और नेपाल के माध्यम से महंगी कारें भारत में अवैध रूप से ला रहे हैं।

इन कारों में टोयोटा लैंड क्रूजर और लैंड रोवर डिफेंडर जैसी महंगी गाड़ियाँ शामिल हैं। आरोप है कि इन गाड़ियों के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए गए, जिनमें भारतीय सेना, अमेरिकी दूतावास और विदेश मंत्रालय के नाम से नकली कागजात शामिल थे। इन नकली दस्तावेजों के माध्यम से गाड़ियों को अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में गलत तरीके से रजिस्टर कराया गया। इसके बाद ये गाड़ियाँ सेलिब्रिटी सहित कई लोगों को कम दामों पर बेच दी जाती थीं।

यह कार्रवाई उस समय हुई है जब केरल हाईकोर्ट ने दुलकर को उनकी एक जब्त की गई कार के लिए भारतीय कस्टम विभाग से संपर्क करने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने कस्टम विभाग को निर्देश दिए कि दुलकर की ओर से सही कागजात और सुरक्षा जमा करने पर एक सप्ताह के भीतर कार को छोड़ने पर विचार करें।

दुलकर के वकील ने कोर्ट को बताया कि यह कार 2004 में रेड क्रॉस के लिए कानूनी तरीके से आयात की गई थी और बाद में यह वैध तरीके से खरीदी गई थी। हालांकि, कस्टम विभाग ने अपनी जांच और मिली जानकारी के आधार पर कार जब्त करने का अधिकार बनाए रखा है।

जांच में यह भी पता चला है कि केरल में अब तक लगभग 150 ऐसी अवैध तरीके से आयातित कारें उपलब्ध हैं, जिनमें से करीब 40 कारें जब्त की जा चुकी हैं। दुलकर की अन्य दो कारें भी पहले जब्त हो चुकी हैं, जिन पर उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। हाईकोर्ट ने कस्टम विभाग से पूछा है कि वे कार मालिकों के बारे में पूरी जानकारी और नकली रजिस्ट्रेशन के सबूत कब और कैसे उपलब्ध कराएंगे।

अब यह मामला इस बात पर निर्भर करेगा कि दुलकर की कार को धारा 110(ए) के तहत रिलीज करने की मांग कस्टम विभाग द्वारा मंजूर की जाती है या नहीं। ईडी की जांच के दायरे को बढ़ाने की संभावना है, जिससे और अधिक महंगी कारों के मालिकों पर जांच हो सकती है।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस तरह से हमारी न्याय प्रणाली और प्रवर्तन एजेंसियां ​​कार्य कर रही हैं। हमारे देश की सुरक्षा और कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों की गहन जांच की जाए।
NationPress
08/10/2025