क्या एकता कपूर 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' को री-लॉन्च नहीं करना चाहती थीं?

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क्या एकता कपूर 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' को री-लॉन्च नहीं करना चाहती थीं?

सारांश

एकता कपूर ने बताया कि क्यों उन्होंने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' को री-लॉन्च करने का विचार अस्वीकार किया। जानिए उनके विचार और इस शो की विरासत क्या है।

Key Takeaways

  • एकता कपूर ने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' को री-लॉन्च नहीं करने का निर्णय लिया।
  • शो ने महिलाओं को आवाज दी और महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया।
  • टीआरपी ही शो की असली विरासत नहीं थी।
  • फैमिली डिनर टेबल पर चर्चा करने का समय लाना महत्वपूर्ण है।
  • आज के स्टोरीटेलिंग फॉर्मेट्स का उपयोग करके नई कहानियां पेश करने की आवश्यकता है।

मुंबई, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध फिल्म और टीवी शो निर्माता एकता कपूर ने टीवी शो 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' की 25वीं वर्षगांठ पर इसके पुनः लॉन्च की योजना का खुलासा किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट में बताया कि शुरुआत में उन्होंने इस विचार को अस्वीकार कर दिया था और वह शो को री-लॉन्च नहीं करना चाहती थीं।

एकता ने इंस्टाग्राम पर लिखा, "जब 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' के 25 साल पूरे होने का समय आया और इसे फिर से टीवी पर लाने की बातें होने लगीं, तो मेरी पहली प्रतिक्रिया थी नहीं! बिल्कुल नहीं! मैं क्यों उस पुरानी याद को फिर से सामने लाऊं? जो लोग पुरानी यादों में खोए रहते हैं वो समझते हैं, वो जानते हैं कि उन यादों से कभी जीता नहीं जा सकता। वो हमेशा सुप्रीम रही हैं और रहेंगी।"

एकता ने आगे बताया, "हम अपने बचपन को जैसे याद करते हैं और वह असल में जैसा रहा है, दोनों में फर्क है और रहेगा भी। टीवी का स्पेस भी अब बहुत बदल चुका है। एक समय था जब केवल 9 शहरों में हमारे दर्शकों की संख्या बंटी हुई थी; आज वही संख्या कई अलग-अलग टुकड़ों में बंट गई है, अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर फैल चुकी है। क्या ये 'क्योंकि' की उस विरासत को संभाल पाएंगे? उस ऐतिहासिक टीआरपी को, जो फिर कभी किसी और धारावाहिक को नहीं मिली, उसे संभाल पाएंगे? लेकिन, सवाल है कि क्या टीआरपी ही उस शो की असली विरासत थी? क्या वो बस अंकों का खेल था? एक इंटरनेशनल संस्था के एक रिसर्च में सामने आया कि इस शो ने भारतीय घरों की महिलाओं को एक आवाज दी।

एकता ने आगे कहा, "ये सिर्फ एक डेली सोप नहीं था। इसने घरेलू शोषण, वैवाहिक बलात्कार, एज शेमिंग और इच्छामृत्यु जैसे मुद्दों को भारतीय डाइनिंग टेबल्स की चर्चा का विषय बनाया और यही इस कहानी की असली विरासत थी। हालांकि, लोग मानते हैं कि शो का अचानक से बंद होना अधूरा सा एहसास छोड़ गया था। मैंने टीम और खुद से पूछा... क्या हम आज के स्टोरीटेलिंग फॉर्मेट्स से अलग रहकर फिर से वैसी ही कहानियां पेश कर पाएंगे? क्या हम टेलीविजन का वो दौर वापस ला सकते हैं?

क्या हम टीआरपी की दौड़ से बाहर जाकर फिर से प्रभावशाली कहानियां बना सकते हैं? क्या हम दर्शकों तक पहुंच कर फिर से उनकी सोच, उनके नजरिए को बदल सकते हैं? क्या हम पेरेंटिंग की बात कर सकते हैं? केयर और कंट्रोल के बीच के संतुलन की बात कर सकते हैं? क्या हम उन मुद्दों पर बात कर सकते हैं जिनसे आज का समाज कतराता है?

क्या हम भारत के सबसे बड़े और सबसे गहरे माध्यम, टेलीविजन का इस्तेमाल करके फिर से एक ऐसी कहानी कह सकते हैं जो दिल को छू जाए और लोगों की सोच को झकझोर कर रख दे, जो लोगों को प्रभावित करे पर साथ ही साथ एंटरटेन भी करे? क्या हम फिर से वो वक्त ला सकते हैं जहां एक पूरा परिवार डिनर टेबल पर बैठकर बातें किया करता था? जैसे ही मैंने खुद से ये सवाल किया, जवाब खुद-ब-खुद मुस्कराते हुए सामने आ गया।"

'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' वापस आ रहा है, कुछ सीमित एपिसोड्स के साथ। 25 साल का जश्न मनाने, लोगों को प्रभावित करने, एंटरटेन करने, सोच को बदलने और सबसे जरूरी एक असर छोड़ जाने के इरादे से। बहुत सारी भावना, उत्साह और दिल से जुड़ी कहानियों के साथ।

अंत में एकता ने लिखा, "इस शो के लिए जो सिर्फ हमारा नहीं, आपका भी है। चीयर्स टू क्योंकि..., चीयर्स टू स्टोरीटेलिंग, चीयर्स टू प्रभाव!"

Point of View

बल्कि समाज में महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करने का एक माध्यम भी है। इस प्रकार, टीवी शो का प्रभाव और उसकी विरासत को समझना आवश्यक है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

एकता कपूर ने 'क्योंकि सास भी कभी बहू थी' को क्यों नहीं री-लॉन्च करने का निर्णय लिया?
एकता कपूर ने बताया कि उन्होंने शो की पुरानी यादों को फिर से ताजा करने से इनकार किया क्योंकि वह मानती हैं कि उन यादों को फिर से जीना संभव नहीं है।
क्या शो की टीआरपी ही उसकी असली विरासत थी?
एकता कपूर ने कहा कि शो की असली विरासत केवल टीआरपी नहीं थी, बल्कि इसने महिलाओं को एक महत्वपूर्ण आवाज दी।
क्या यह शो समाज में महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने में सफल रहा?
हाँ, इस शो ने घरेलू शोषण और वैवाहिक बलात्कार जैसे मुद्दों को चर्चा का विषय बनाया।
क्या एकता कपूर फिर से ऐसे शो बनाने का विचार कर रही हैं?
एकता कपूर ने कहा कि वह आज के स्टोरीटेलिंग फॉर्मेट्स का उपयोग करके फिर से प्रभावशाली कहानियां पेश करने की कोशिश कर सकती हैं।
कैसे यह शो परिवारों के बीच बातचीत को बढ़ावा देता था?
इस शो ने परिवारों को एक साथ बैठकर चर्चा करने का मौका दिया, जिससे घरेलू मुद्दों पर बात हो सके।