क्या 'धुरंधर' मिलने से पहले 'डोंगा' ने इंडस्ट्री छोड़ने का मन बना लिया था?
सारांश
Key Takeaways
- 'धुरंधर' ने नवीन कौशिक को नया हौसला दिया।
- फिल्म ने अभिनेता के आत्मविश्वास को पुनर्जीवित किया।
- आदित्य धर ने निर्देशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- हर किरदार ने अपनी अलग पहचान बनाई।
- फिल्म को बनने में डेढ़ साल लगे।
मुंबई, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्ष 2025 की मेगा ब्लॉकबस्टर फिल्म 'धुरंधर' की गति रिलीज के 22 दिन बाद भी थमने का नाम नहीं ले रही है। 'धुरंधर' ने 'छावा' को पीछे छोड़कर इस साल की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म बन गई है।
मल्टीस्टारर होने के बावजूद फिल्म के प्रत्येक किरदार ने अपनी अलग पहचान बनाई है। फिल्म में 'डोंगा' का किरदार भी बेहद महत्वपूर्ण रहा है, जो रहमान डकैत का दाहिना हाथ था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि डोंगा का किरदार निभाने वाले नवीन कौशिक ने फिल्म इंडस्ट्री छोड़ने का मन बना लिया था? लेकिन इस फिल्म ने उन्हें एक बार फिर से काम करने की प्रेरणा दी।
'धुरंधर' में डोंगा का पात्र नवीन कौशिक ने निभाया है, जो आदित्य धर की फिल्म मिलने से पहले काम न मिलने, कई रिजेक्शन, और टूटते आत्मविश्वास के चलते निराश हो चुके थे। नवीन ने फिल्म से जुड़ी कुछ तस्वीरें साझा की हैं और फिल्म साइन करने से लेकर इसके अंत तक की भावनाओं को साझा किया है। उन्होंने लिखा, 'एक अभिनेता बनना भरोसे पर निर्भर करता है। सबसे पहले, अपने परिवार, दोस्तों, फिल्म इंडस्ट्री, और अंत में दर्शकों का विश्वास जीतना महत्वपूर्ण है, लेकिन कभी-कभी खुद पर विश्वास कम हो जाता है। बहुत सारे रिजेक्शन, कास्टिंग कॉल का जवाब न मिलना, नेटवर्किंग की कमी और अच्छा काम न मिलना आत्मविश्वास को कम करता है।'
उन्होंने आगे कहा कि वे खुद पर भरोसा करना भूल गए थे। वे सब कुछ छोड़ने को तैयार थे। मुकेश सर के कहने पर उन्होंने उनसे मुलाकात की और यह उनकी आखिरी उम्मीद थी। उन्हें आज भी याद है जब कहानी सुनाने के बाद कहा गया था कि, 'हमें आप सभी पर भरोसा है और इस विशाल परियोजना को साकार करने में आपकी मदद की जरूरत है।' तब उन्हें अचानक महसूस हुआ कि यह उनकी फिल्म है।
नवीन कौशिक ने यह भी बताया कि फिल्म को बनाने में लगभग डेढ़ साल का समय लगा और इसे कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उन्होंने आदित्य धर को फिल्म का कैप्टन बताया, जिसने सभी को स्थिर और मजबूत बनाए रखा। उन्होंने आदित्य के लिए लिखा, 'आपने मुझ पर विश्वास करके मुझे अपने किरदार को जीवंत करने का अवसर दिया और इसे मेरी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बना दिया।'