क्या आमिर खान मेलबर्न फिल्म फेस्टिवल में तिरंगा फहराएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- आमिर खान का मेलबर्न फिल्म फेस्टिवल में तिरंगा फहराना गर्व की बात है।
- फिल्म 'सितारे जमीन पर' की विशेष स्क्रीनिंग होगी।
- बदनाम बस्ती का रीस्टोर्ड संस्करण प्रदर्शित होगा।
- फिल्म फेस्टिवल में 75 फिल्में जेंडर, नस्ल और विविधता पर आधारित हैं।
- आईआईएफएम भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा वैश्विक मंच है।
मुंबई, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। सुपरस्टार आमिर खान अगस्त में आयोजित होने वाले १६वें द इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस फिल्म फेस्टिवल में वह तिरंगा भी फहराएंगे। उनकी हालिया रिलीज़ फिल्म 'सितारे जमीन पर' की विशेष स्क्रीनिंग भी निर्धारित की गई है।
फेस्टिवल डायरेक्टर मितु भौमिक लांगे ने कहा, “फिल्म फेस्टिवल में राष्ट्रीय ध्वज फहराना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक और एकजुटता का अनुभव है। विदेशी धरती पर तिरंगा लहराते हुए देखना भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई समुदाय के बीच गर्व का क्षण है। आमिर खान का सिनेमाई दृष्टिकोण विश्व स्तर पर दर्शकों को प्रभावित करता है, और इस पल का नेतृत्व करना हमारे लिए सम्मान की बात है।”
उन्होंने यह भी कहा कि आमिर का इस कार्यक्रम में उपस्थित होना भारतीय कहानियों की ताकत और आईआईएफएम के मूल्यों, समानता और विविधता में एकता को दर्शाता है।
इस फिल्म फेस्टिवल में उनकी हालिया रिलीज़ फिल्म 'सितारे जमीन पर' की विशेष स्क्रीनिंग भी होने वाली है। फेस्टिवल के १६वें संस्करण में आमिर खान के भारतीय सिनेमा में योगदान को एक विशेष खंड के माध्यम से सम्मानित किया जाएगा। इस खंड में उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें 'सितारे जमीन पर' भी शामिल है।
विक्टोरिया सरकार द्वारा समर्थित आईआईएफएम भारत के बाहर सबसे बड़ा भारतीय फिल्म फेस्टिवल है, जो विविध और प्रभावशाली भारतीय कहानियों को प्रस्तुत करता है। इस बार महोत्सव में ७५ फिल्में दिखाई जाएंगी, जो जेंडर, नस्ल, दिव्यांगता और महिला प्रतिनिधित्व जैसे विषयों पर आधारित हैं।
फिल्म फेस्टिवल में निर्माता प्रेम कपूर की १९७१ में बनी फिल्म ‘बदनाम बस्ती’ का रीस्टोर्ड संस्करण भी दिखाया जाएगा। इसे भारत की पहली समलैंगिक फिल्म माना जाता है, जो अपने समय से आगे की कहानी प्रस्तुत करती है। यह फिल्म एलजीबीटीक्यू+ प्राइड नाइट के दौरान २२ अगस्त को दिखाई जाएगी, जो क्वीर सिनेमा और दक्षिण एशियाई क्वीर पहचान को समर्पित एक आयोजन होगा।
फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत अभिनेत्री तिलोत्तमा शोम की बंगाली फिल्म ‘बक्शो बोंदी: शैडोबॉक्स’ से होगी। यह फिल्म, जिसका विश्व प्रीमियर बर्लिन फिल्म फेस्टिवल २०२५ में हुआ था, को तनुश्री दास और सौम्यानंद साही ने निर्देशित किया है।
तिलोत्तमा और जिम सर्भ ने इस फिल्म का निर्माण किया है। यह फिल्म कोलकाता के एक उपनगर में माया (तिलोत्तमा) की कहानी को प्रस्तुत करती है, जो प्रेम, संघर्ष और एक कामकाजी महिला की शांत ताकत को दर्शाती है।