क्या हिंदी सिनेमा की लेडी सुपरस्टार श्रीदेवी की मौत ने दुनिया को हैरान कर दिया?

सारांश
Key Takeaways
- श्रीदेवी ने अपनी मेहनत से सिनेमा में अद्वितीय पहचान बनाई।
- उनकी फिल्मों ने दर्शकों के दिलों में अमिट छाप छोड़ी।
- वह भारत की पहली महिला सुपरस्टार मानी जाती हैं।
- उनका निधन फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा नुकसान था।
- उन्होंने अपने परिवार के लिए फिल्मी दुनिया से दूरी बनाई।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड में अक्सर यह कहा जाता है कि हिंदी सिनेमा में सफलता पाने के लिए किसी गॉडफादर का होना आवश्यक है। लेकिन कुछ अदाकार अपनी मेहनत और प्रतिभा से इस धारणा को गलत साबित कर देते हैं। ऐसी ही एक अदाकारा थीं श्रीदेवी, जिन्होंने अपनी अद्वितीय अदाकारी, खूबसूरती और नृत्य कौशल के साथ हिंदी सिनेमा में एक अमिट छाप छोड़ी।
श्रीदेवी उन चुनिंदा अभिनेत्रियों में से थीं, जिन्होंने अपने फिल्मी करियर में ऊंचाइयों को छुआ। उनकी चमक ऐसी थी कि वर्षों बाद भी उनका नाम और उनकी फिल्में दर्शकों के दिलों में जीवित हैं।
13 अगस्त, 1963 को तमिलनाडु के शिवकाशी में जन्मी श्रीदेवी का पूरा नाम श्रीदेवी अय्यपन था। उनका फिल्मी सफर चार साल की उम्र में शुरू हुआ, जब उन्होंने 1967 में तमिल फिल्म 'कंधन करुणाई' से बाल कलाकार के रूप में कदम रखा। उन्होंने 1978 में फिल्म 'सोलहवां सावन' के साथ बॉलीवुड में पदार्पण किया, लेकिन 1983 में आई फिल्म 'हिम्मतवाला' ने उन्हें पहचान दिलाई। इस फिल्म की सफलता ने उन्हें एक रात में स्टार बना दिया।
श्रीदेवी ने एक के बाद एक कई सुपरहिट फिल्में दीं, जैसे 'सदमा', 'नगीना', 'निगाहें', 'मिस्टर इंडिया', 'चालबाज', 'लम्हे', 'खुदा गवाह' और 'जुदाई'। उन्होंने हिंदी सिनेमा के साथ-साथ तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में भी अपनी छाप छोड़ी और 'भारत की पहली महिला सुपरस्टार' के तौर पर जानी गईं।
श्रीदेवी और जीतेंद्र की जोड़ी ने 16 फिल्मों में साथ काम किया, जिनमें कई ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया। उनकी हिट फिल्मों में 'हिम्मतवाला' (1983), 'जानी दोस्त' (1983), 'जस्टिस चौधरी' (1983), 'मवाली' (1983), 'सुहागन' (1986), 'घर संसार' (1986), और 'सोने पे सुहागा' (1988) शामिल हैं। इस जोड़ी की केमिस्ट्री ने दर्शकों का दिल जीत लिया और 80 के दशक में बॉलीवुड में एक खास स्थान बनाया।
श्रीदेवी को कई राष्ट्रीय और फिल्मफेयर पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 2013 में, भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से नवाजा। उनके मोम के पुतले को मैडम तुसाद म्यूजियम में भी रखा गया।
फिल्मी जगत में अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ श्रीदेवी अपनी निजी जिंदगी के कारण भी चर्चा में रहीं। उन्होंने 1996 में फिल्म निर्माता बोनी कपूर से शादी की और इस शादी से उन्हें दो बेटियां, जाह्नवी और खुशी कपूर मिलीं।
परिवार को समय देने के कारण श्रीदेवी ने फिल्मी दुनिया से दूरी बना ली, लेकिन 2012 में उन्होंने 'इंग्लिश विंग्लिश' के जरिए शानदार वापसी की। इस फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों ने बहुत सराहा।
श्रीदेवी ने कुछ अन्य फिल्में भी कीं, लेकिन उनकी कामयाबी वैसी नहीं रही। 24 फरवरी, 2018 को दुबई में एक दुर्घटना में उनका निधन हो गया, जिसने पूरी फिल्म इंडस्ट्री और प्रशंसकों को स्तब्ध कर दिया।