क्या महालक्ष्मी अय्यर भारतीय संगीत की मधुर आवाज हैं जो दिलों को छू लेती है?

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क्या महालक्ष्मी अय्यर भारतीय संगीत की मधुर आवाज हैं जो दिलों को छू लेती है?

सारांश

महालक्ष्मी अय्यर, जो भारतीय संगीत की दुनिया में एक विशेष स्थान रखती हैं, उनकी आवाज ने न केवल बॉलीवुड के गानों को सजाया है, बल्कि दक्षिण भारतीय सिनेमा और क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी छाप छोड़ी है। जानें उनके अद्भुत सफर के बारे में।

Key Takeaways

  • महालक्ष्मी अय्यर का संगीत सफर 1997 में शुरू हुआ।
  • उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड जैसे कई पुरस्कार मिले हैं।
  • उनकी आवाज ने दक्षिण भारतीय सिनेमा में भी छाप छोड़ी है।
  • उन्होंने 300 से अधिक गाने विभिन्न भाषाओं में गाए हैं।
  • उनकी माँ एक प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका थीं।

मुंबई, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महालक्ष्मी अय्यर भारतीय संगीत क्षेत्र की एक प्रमुख गायिका हैं, जिनकी आवाज न केवल बॉलीवुड के गानों को अमर बनाती है, बल्कि दक्षिण भारतीय सिनेमा और क्षेत्रीय भाषाओं में भी अपनी छाप छोड़ती है।

1976 में मुंबई में जन्मी, महालक्ष्मी ने संगीत की परंपरा को अपने भीतर समाहित किया है। उनकी मां एक प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका थीं, जिन्होंने उन्हें छोटी उम्र से ही राग-रंग की बारीकियां सिखाईं। तीन बहनों के बीच पली-बढ़ी महालक्ष्मी ने संगीत के प्रति अपनी रुचि को बचपन से ही विकसित किया। मुंबई के एक प्रतिष्ठित कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद भी उनका मन संगीत की दुनिया में बसा रहा। आज, करीब पचास वर्षों के बाद भी उनकी आवाज की ताजगी बरकरार है।

महालक्ष्मी का संगीत यात्रा 1997 में हिंदी फिल्म 'दस' से शुरू हुई, जिसमें उन्होंने संगीतकार तिकड़ी शंकर-एहसान-लॉय के साथ 'ट्राओ' गाने में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उनकी असली पहचान 1998 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'दिल से' से मिली। मणि रत्नम के निर्देशन में एआर रहमान के संगीत से सजी 'ए अजनबी' गाने ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया। इस गाने को शाहरुख खान और मनीषा कोइराला पर फिल्माया गया था, और यह आज भी युवाओं के बीच लोकप्रिय है।

महालक्ष्मी की मुलायम आवाज ने एआर रहमान का दिल जीत लिया, जिसके बाद वे उनकी पसंदीदा गायिकाओं में शामिल हो गईं। 'दिल से' के बाद 'अलग' और 'बॉम्बे' जैसी फिल्मों के गाने भी उनकी सूची में जुड़े।

दक्षिण भारतीय सिनेमा में उनका योगदान भी उल्लेखनीय है। उन्होंने तमिल फिल्म 'कन्नथिल मुत्तमित्ताल' का टाइटल ट्रैक गाया, जो एआर रहमान के साथ उनका एक और यादगार सहयोग था। तेलुगु में 'बाहुबली' श्रृंखला के कुछ गाने और कन्नड़ फिल्मों जैसे 'मुक्काला' में उनकी आवाज ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने मराठी, गुजराती, बंगाली, ओडिया और असमिया जैसी भाषाओं में 300 से अधिक गाने गाए हैं। उनके गुजराती और बंगाली गाने उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण हैं। उन्हें बॉलीवुड में 'कभी खुशी कभी गम' और 'मैं हूं ना' के गीतों ने भी प्रसिद्धि दिलाई।

महालक्ष्मी अय्यर को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 2000 में 'ए अजनबी' के लिए फिल्मफेयर अवार्ड फॉर बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर मिला, जो उनके करियर का महत्वपूर्ण मोड़ था। इसके अलावा, उन्हें स्टार स्क्रीन अवार्ड, जी सिने अवार्ड और आईआईएफए अवार्ड जैसे सम्मान प्राप्त हुए हैं। दक्षिण में भी तमिलनाडु स्टेट अवार्ड और कर्नाटक स्टेट अवार्ड उनके नाम हैं।

Point of View

बल्कि उन्होंने विभिन्न भाषाओं में भी गाने गाकर एकता और विविधता को प्रदर्शित किया है।
NationPress
10/11/2025

Frequently Asked Questions

महालक्ष्मी अय्यर का जन्म कब हुआ था?
महालक्ष्मी अय्यर का जन्म 1976 में मुंबई में हुआ था।
महालक्ष्मी अय्यर को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?
उन्हें फिल्मफेयर अवार्ड, स्टार स्क्रीन अवार्ड और आईआईएफए अवार्ड जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
महालक्ष्मी अय्यर का प्रसिद्ध गाना कौन सा है?
उनका 'ए अजनबी' गाना बहुत प्रसिद्ध है, जो फिल्म 'दिल से' में है।
महालक्ष्मी ने कितनी भाषाओं में गाने गाए हैं?
उन्होंने 300 से अधिक गाने विभिन्न भाषाओं में गाए हैं।
उनकी माँ कौन थीं?
उनकी माँ एक प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका थीं।