क्या 2500 फिल्मों में केवल 3 प्रतिशत महिला निर्देशक हैं? बदलाव की सख्त जरूरत: गुनित मोंगा
सारांश
Key Takeaways
- भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 3 प्रतिशत है।
- 'विमेन इन फिल्म' संगठन महिलाओं के समर्थन के लिए कार्यरत है।
- गुनित मोंगा ने अपनी व्यक्तिगत चुनौतियों को साझा किया।
- सामूहिक प्रयासों से फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव संभव है।
मुंबई, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। गोवा में 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) का आयोजन हो रहा है। इस बार इस फेस्टिवल में 81 देशों की 240 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें 13 फिल्में विश्व स्तर पर पहली बार दिखाई जाएंगी। इसके साथ ही फिल्म इंडस्ट्री की प्रमुख हस्तियां भी इस आयोजन में शामिल होंगी। इस संदर्भ में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता गुनित मोंगा कपूर भी फेस्टिवल में उपस्थित रहीं।
गुनित मोंगा ने राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में भारतीय सिनेमा में महिलाओं की भूमिका और उनके लिए एक नेटवर्क की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं का योगदान बेहद सीमित है और इसे सुधारने की जरूरत है।"
गुनित ने बताया कि भारत में हर वर्ष लगभग 2,500 फिल्में बनती हैं, लेकिन इनमें से केवल 3 प्रतिशत फिल्मों का निर्देशन महिलाएं करती हैं। इसी कारण 'विमेन इन फिल्म' नामक संगठन की स्थापना की गई, जिसका उद्देश्य महिलाओं के बीच सहयोग और समर्थन को बढ़ावा देना है। अगर महिलाएं एक-दूसरे का साथ दें, तो फिल्म इंडस्ट्री में लैंगिक असमानता को कम किया जा सकता है।
गुनित ने अपनी व्यक्तिगत यात्रा के अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा, "जब मैंने प्रोड्यूसर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की, तब मुझे उम्र को लेकर कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लोग अक्सर मुझे एक युवा महिला के रूप में देखते थे, लेकिन मेरी योग्यता पर सवाल उठाते थे। फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ समान व्यवहार नहीं था, जिसके चलते मैंने और मेरी टीम ने महिलाओं के लिए एक मजबूत संगठन बनाने का कार्य शुरू किया।"
गुनित ने अपनी फिल्म 'टैट गर्ल इन येलो बूट्स' के अनुभव को भी साझा किया। उन्होंने कहा, "शुरुआत में हमने फिल्म के लिए गलत सेल्स एजेंट का चयन किया था, जिसने फिल्म की बिक्री और वितरण में कठिनाइयां पैदा की। बाद में हमने उस एजेंट के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया और नए एजेंट के साथ कार्य किया। यह हमारे लिए एक सीख थी कि जब आप किसी नए प्रोजेक्ट की शुरुआत करते हैं, तो अच्छे और बुरे अनुभव दोनों का सामना करना पड़ता है। यह फिल्म निर्माण की प्रक्रिया का हिस्सा है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।"
गुनित ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की स्थिति सुधारने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। 'विमेन इन फिल्म' जैसी पहल न केवल महिलाओं को एक साथ लाने का कार्य करती है, बल्कि उन्हें सीखने और आगे बढ़ने का भी अवसर देती है। यदि महिलाएं आपस में सहयोग करें और अपने अनुभव साझा करें, तो फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव लाना संभव है।