क्या एक्ट्रेस नीरू बाजवा को फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री के लिए झूठ बोलना पड़ा?

सारांश
Key Takeaways
- नीरू बाजवा ने झूठ बोलकर अपनी पहचान बनाई।
- कनाडा से आने वाले कलाकारों के प्रति पूर्वाग्रह।
- जासूसी फिल्मों ने किरदार की तैयारी में मदद की।
- जॉन अब्राहम के साथ काम करने का अनुभव।
- स्थानीय भाषा को समझने का संघर्ष।
मुंबई, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री की प्रसिद्ध अभिनेत्री नीरू बाजवा इस समय अपनी फिल्म 'तेहरान' को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने खुलासा किया कि इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए उन्हें झूठ का सहारा लेना पड़ा।
नीरू ने राष्ट्र प्रेस के साथ विशेष बातचीत में बताया कि कनाडा से आने वाले कलाकारों के प्रति उद्योग में एक गलत धारणा थी। इसलिए, उन्होंने सभी से कहा कि वह चंडीगढ़ की रहने वाली हैं।
उन्होंने कहा, "इंडस्ट्री में पहले लोगों का मानना था कि अगर आप कनाडा से हैं, तो आपको स्थानीय भाषा ठीक से नहीं आती होगी। इसलिए मैंने कहा कि मैं चंडीगढ़ से हूं और भारतीय लहजे में बात करती थी, क्योंकि मैं इस सोच से परेशान थी। मैं जानती थी कि उन्हें समझाना बेकार है।"
किरदार की तैयारी के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि जासूसी फिल्मों ने उन्हें बहुत मदद की। नीरू ने कहा कि किरदार के फिजिकल लैंग्वेज को समझने के लिए उन्होंने कई जासूसी फिल्में देखीं।
उन्होंने कहा, "मैंने किरदार के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं की थी। सिर्फ जासूसी फिल्में देखकर किरदार की चाल-ढाल, हाव-भाव और शारीरिक भाषा को समझा।"
इस सहज तरीके ने उन्हें सेट पर स्वाभाविक अभिनय करने में सहायता दी, जिससे उनके किरदार में और गहराई आई।
नीरू ने अपने सह-कलाकार जॉन अब्राहम की प्रशंसा करते हुए कहा, "जॉन बहुत विनम्र और सकारात्मक इंसान हैं। उन्होंने सेट पर सभी को सहज रखा, जिससे हमारा काम और बेहतर हुआ।"
वर्कफ्रंट की बात करें तो अभिनेत्री हाल ही में 'तेहरान' में जॉन अब्राहम के साथ एक दमदार भूमिका में नजर आई थीं।