क्या अभिनेत्री राय लक्ष्मी ने शिवोहम शिव मंदिर में पूजा की?

सारांश
Key Takeaways
- राय लक्ष्मी का अनुभव मंदिर की विशेष ऊर्जा को दर्शाता है।
- शिवोहम शिव मंदिर एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक स्थान है।
- मंदिर में शांति एवं आध्यात्मिकता का गहरा संबंध है।
- कंगना रनौत जैसी हस्तियों का अनुभव इस मंदिर की महत्ता को और बढ़ाता है।
- यह मंदिर 30 वर्षों से आस्था का केंद्र है।
बेंगलुरु, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री राय लक्ष्मी बुधवार को बेंगलुरु के शिवोहम शिव मंदिर पहुँचीं, जहाँ उन्होंने पूजा-अर्चना की। साथ ही, उन्होंने मंदिर परिसर में स्थित माता वैष्णो देवी का आशीर्वाद भी लिया। अभिनेत्री ने कहा कि यह मंदिर एक ऐसा स्थान है, जहाँ उनके मन को शांति मिली। वह यहाँ बार-बार आना चाहेंगी।
इस दौरान, राय लक्ष्मी ने शिवोहम शिव मंदिर के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु रवि के साथ आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा की। उनकी वार्ता में 'शिवोहम' दर्शन भी शामिल रहा, जो आत्म-साक्षात्कार यानी ‘मैं शिव हूं’ की भावना को उजागर करता है।
मंदिर में राय लक्ष्मी का स्वागत करते हुए आध्यात्मिक गुरु रवि ने कहा, “राय लक्ष्मी का यहाँ आना हमारे लिए एक विशेष अवसर है। उनकी आध्यात्मिक जिज्ञासा इस पवित्र स्थान के उद्देश्यों को दर्शाती है। हमारी चर्चा जीवन, चेतना और आंतरिक शांति की खोज जैसे गहरे मुद्दों पर हुई। ऐसी हस्तियों का आध्यात्मिक पथ अपनाना प्रेरणादायक है। यह समझना कि ‘मैं शरीर या मन नहीं, बल्कि दिव्य आत्मा हूं’, सच्चे सुख की शुरुआत है।”
राय लक्ष्मी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “शिवोहम शिव मंदिर में भोलेनाथ का दर्शन और पूजन मेरे लिए बेहद खास रहा। इस स्थान में एक विशेष प्रकार की ऊर्जा है, जो मुझे शांति प्रदान करती है। मैंने यहाँ घंटों ध्यान किया, मंदिर की आध्यात्मिक गतिविधियों में भाग लिया और आध्यात्मिक गुरु के साथ गहरी बातचीत की। यह स्थान आपको ज़िंदगी की भागदौड़ से हटकर अपने भीतर झांकने का अवसर देता है। मैं फिर से यहाँ आना चाहूंगी, ताकि इस दिव्य ऊर्जा का अनुभव कर सकूँ।”
राय लक्ष्मी से पहले, अभिनेत्री और सांसद कंगना रनौत भी 65 फीट ऊँची शिव प्रतिमा और शांत ध्यान स्थलों के लिए प्रसिद्ध शिवोहम शिव मंदिर पहुँची थीं। कंगना ने कहा था कि उन्हें शांति और आत्मिक जुड़ाव का अनुभव हुआ।
यह मंदिर पिछले 30 वर्षों से आस्था का केंद्र रहा है। कंगना ने बताया कि यह मंदिर केवल पूजा की जगह नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है। यहाँ की शांति और दिव्यता अभिभूत कर देती है।