क्या जेन-जी राज कपूर और गुरु दत्त जैसे सिनेमा के दिग्गजों को भूल रही है?

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क्या जेन-जी राज कपूर और गुरु दत्त जैसे सिनेमा के दिग्गजों को भूल रही है?

सारांश

सुभाष घई ने जेनरेशन जी की भारतीय सिनेमा के दिग्गजों के प्रति उदासीनता पर चिंता व्यक्त की। क्या वे सच में राज कपूर और गुरु दत्त जैसे महान कलाकारों को भूल रहे हैं? जानें इस मुद्दे पर उनकी गहरी सोच और आगामी फिल्म फेस्टिवल की जानकारी।

Key Takeaways

  • सुभाष घई का भारतीय सिनेमा के प्रति दृष्टिकोण
  • राज कपूर और गुरु दत्त का योगदान
  • युवाओं की सिनेमा के प्रति उदासीनता
  • फिल्म फेस्टिवल की महत्वपूर्ण जानकारी
  • सिनेमा में गुलजार की भूमिका

मुंबई, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध बॉलीवुड फिल्म निर्माता सुभाष घई ने भारतीय सिनेमा के बदलते परिप्रेक्ष्य पर अपने विचार साझा किए। राज कपूर और गुरु दत्त जैसे सिनेमा के महान कलाकारों के बारे में बात करते हुए उन्होंने चिंता व्यक्त की कि वर्तमान जेनरेशन (जेन-जी) उन्हें और उनकी विरासत को भूलती जा रही है।

सुभाष घई ने अपनी हालिया इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा है कि इन दोनों दिग्गजों की विरासत युवा दर्शकों के बीच कमज़ोर होती जा रही है।

सुभाष घई ने बताया, "जब मैं जेनरेशन जी (जेन-जी) से पूछता हूं कि क्या उन्हें राज कपूर और गुरु दत्त जैसे भारतीय सिनेमा के संस्थापक याद हैं, तो वे एक पल के लिए चुप हो जाते हैं। लेकिन जैसे ही मैं 1950 के दशक के उनके गाने गुनगुनाता हूं, जैसे ‘जाने क्या तूने कहीं - जाने क्या मैंने कहीं - बात कुछ बन ही गई’ या ‘प्यार हुआ इकरार हुआ, फिर प्यार से क्यों डरता है दिल,’ वे तुरंत कहते हैं, ‘हां, हां - ये तो सदाबहार गीत हैं, जो हम आज भी गाते हैं।’ फिर मैंने उन्हें बताया कि हम 8 से 10 अक्टूबर को अपने फिल्म फेस्टिवल में इन दोनों दिग्गजों की शताब्दी मना रहे हैं। यह सुनकर वे उत्साहित हो जाते हैं।"

राज कपूर एक अद्वितीय भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्देशक और निर्माता थे, जिन्होंने हिंदी सिनेमा पर गहरी छाप छोड़ी। उन्हें भारतीय सिनेमा का शोमैन कहा जाता है।

वहीं गुरुदत्त भारतीय सिनेमा के एक महान अभिनेता, निर्देशक, निर्माता, कोरियोग्राफर और लेखक थे। उन्हें भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे महान फिल्म निर्माताओं में से एक माना जाता है, जो अपनी कहानी कहने की अनूठी कला और सिनेमाई दृष्टि के लिए प्रसिद्ध हैं।

इस फिल्म फेस्टिवल में मशहूर लेखक और निर्देशक गुलजार इन दोनों महान हस्तियों को सिनेमा में उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि देंगे। यह कार्यक्रम मुंबई में होगा और इसमें गुलजार सिनेमा में कविता और संगीत पर अपनी राय युवा दर्शकों के साथ साझा करेंगे। इसके अलावा, सिनेमा से जुड़ी कई वर्कशॉप भी आयोजित की जाएंगी, जो लोगों को सिनेमा और अभिनय की बारीकियां सिखाएंगी।

Point of View

बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा के लिए महत्वपूर्ण है। सिनेमा का इतिहास हमें प्रेरित करता है और हमें अपने सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

राज कपूर के बारे में कौन सी खास बातें जानी जाती हैं?
राज कपूर को भारतीय सिनेमा का शोमैन कहा जाता है। उन्होंने कई कालातीत फिल्में बनाई हैं और उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।
गुरु दत्त का सिनेमा में योगदान क्या था?
गुरु दत्त ने भारतीय सिनेमा में कहानी कहने की अनूठी शैली पेश की। उनकी फिल्में आज भी दर्शकों को प्रभावित करती हैं।
जेन-जी और सिनेमा के दिग्गजों के बीच की खाई को कैसे मिटाया जा सकता है?
युवाओं को सिनेमा के इतिहास से जोड़ने के लिए फिल्म फेस्टिवल और वर्कशॉप्स आयोजित की जा सकती हैं।