क्या कोलंबिया की 16 साल की एंजी निकोल मेजिया ने विश्व रिकॉर्ड बनाया?

सारांश
Key Takeaways
- एंजी निकोल मेजिया ने विश्व रिकॉर्ड बनाया।
- उन्होंने 12.34 सेकंड में 100 मीटर दौड़ पूरी की।
- एंजी की सफलता का श्रेय उनके कोच और परिवार को है।
- उन्होंने युवा एथलीटों को प्रेरित करने के लिए मेहनत की बात कही।
- यह उपलब्धि कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है।
नई दिल्ली, 30 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित विश्व पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कोलंबिया की 16 वर्षीय एंजी निकोल मेजिया मोरालेस ने अपने अद्वितीय प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया और अपने पहले ही मुकाबले में विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया।
एंजी ने महिलाओं की टी38 100 मीटर स्पर्धा में 12.34 सेकंड का समय निकालकर नया चैंपियनशिप रिकॉर्ड बनाया और स्वर्ण पदक जीता। यह उनकी पहली विश्व चैंपियनशिप रेस थी, लेकिन उनके दौड़ने के अंदाज से ऐसा प्रतीत नहीं होता था कि वह पहली बार इतनी बड़ी प्रतियोगिता में भाग ले रही हैं। इस 16 वर्षीय धावक को देखकर न केवल प्रशंसक बल्कि प्रतिस्पर्धी भी दंग रह गए।
स्वर्ण पदक प्राप्त करने के बाद उन्होंने कहा, "सच बताऊं, मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है। मैंने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा होगा, क्योंकि एथलेटिक्स मेरा पसंदीदा खेल नहीं था। स्वर्ण जीतकर मैं बेहद खुश हूं। यह जीत किसी संयोग का परिणाम नहीं है, बल्कि वर्षों की मेहनत, समर्पण और मार्गदर्शन का नतीजा है।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं प्रोफेसर केंड्रिक सैन मिगुएल का आभार व्यक्त करना चाहती हूं। उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया और मुझे एथलेटिक्स में हाथ आजमाने के लिए प्रेरित किया, भले ही मुझे यह पसंद नहीं था। उनके बिना, मैं यहाँ नहीं होती। मैं अपने पिता, माँ और भाई के प्रति भी आभारी हूं। उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया, मुझे आगे बढ़ाया और मुझ पर विश्वास किया।"
एंजी ने इस क्षेत्र में करियर बनाने की इच्छुक लोगों के लिए कहा, "काम कठिन है, और रास्ता लंबा है, लेकिन कभी हार मत मानो, मेहनत करो।" 16 वर्षीय एंजी निकोल मेजिया मोरालेस, जो कभी एथलेटिक्स में नहीं आना चाहती थीं, अपने पहले ही वैश्विक मुकाबले में दुनिया के लिए प्रेरणा बनकर उभरी हैं।