क्या अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर बीएसएफ जवानों ने अटारी-वाघा और हुसैनीवाला बॉर्डर पर योगाभ्यास किया?

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क्या अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर बीएसएफ जवानों ने अटारी-वाघा और हुसैनीवाला बॉर्डर पर योगाभ्यास किया?

सारांश

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 पर बीएसएफ जवानों ने अटारी-वाघा और हुसैनीवाला बॉर्डर पर भव्य योगाभ्यास किया। इस आयोजन ने यह स्पष्ट किया कि योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और जीवनशैली का अहम हिस्सा है। जानिए इस कार्यक्रम की खास बातें।

Key Takeaways

  • योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है।
  • सीमा पर तैनात जवानों के लिए मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है।
  • योगाभ्यास से आत्मबल और अनुशासन में वृद्धि होती है।
  • सभी आयु वर्ग के लोगों को योग के लाभों से जुड़ना चाहिए।
  • योग नियमित अभ्यास से सामाजिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

अमृतसर/फिरोजपुर, 21 जून (राष्ट्र प्रेस)। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के जवानों ने पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमाओं पर योगाभ्यास किया। अटारी-वाघा बॉर्डर और हुसैनीवाला बॉर्डर पर भव्य योग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जहाँ यह संदेश दिया गया कि योग केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है।

अटारी-वाघा बॉर्डर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के आईजी अतुल फुलजले रहे। उनके नेतृत्व में सैकड़ों बीएसएफ जवानों, सीमावर्ती गांवों के नागरिकों, स्कूली बच्चों, खेल जगत की हस्तियों और पद्म पुरस्कार विजेताओं ने योगाभ्यास किया। बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों और जवानों को मानसिक शांति, शारीरिक मजबूती और आत्मिक संतुलन से जोड़ना है।

मीडिया से बातचीत करते हुए आईजी अतुल फुलजले ने कहा, "योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, यह एक जीवनशैली है। इस तरह के आयोजनों से सीमा पर तैनात हमारे जवानों और आम जन में आत्मबल और अनुशासन की भावना को और भी बल मिलता है।" उन्होंने योग के प्रति बीएसएफ की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ सैनिकों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है।

बीएसएफ के शीर्ष अधिकारियों और प्रशिक्षित योग गुरुओं ने जवानों और आम नागरिकों को योग के विभिन्न आसनों और उनके लाभों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों समेत सभी आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने योग सत्र में बढ़-चढ़कर भाग लिया। योग के टीचर्स ने कहा कि नियमित योगाभ्यास से शरीर को न केवल फिट रखा जा सकता है, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों से भी बचाव करता है।

पाकिस्तान से लगने वाले हुसैनीवाला बॉर्डर पर भी योग की शक्ति देखी गई। बीएसएफ और आर्मी के जवानों ने फिरोजपुर के हुसैनीवाला बॉर्डर पर योगाभ्यास करके इस खास दिवस का उत्सव मनाया। यहाँ बीएसएफ के डीआईजी विजय सिंह राणा और 155 बटालियन के सीओ सरवन नाथ की अगुवाई में जवानों और सिविल प्रशासन के अधिकारियों ने योगाभ्यास किया।

Point of View

बल्कि यह जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह आयोजनों का सिलसिला सीमा पर तैनात जवानों को आत्मबल और अनुशासन में मजबूती प्रदान करता है।
NationPress
21/06/2025

Frequently Asked Questions

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 कब मनाया गया?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 का आयोजन 21 जून को किया गया।
बीएसएफ ने योगाभ्यास का आयोजन कहाँ किया?
बीएसएफ ने योगाभ्यास का आयोजन अटारी-वाघा और हुसैनीवाला बॉर्डर पर किया।
योग का क्या महत्व है?
योग मानसिक शांति, शारीरिक मजबूती और आत्मिक संतुलन को बढ़ावा देने में सहायक है।