क्या त्वचा रोगों और डैंड्रफ के लिए कारगर है औषधीय गुणों से भरपूर बाकुची?

सारांश
Key Takeaways
- बाकुची त्वचा रोगों के लिए प्रभावी औषधि है।
- इसके बीजों में प्सोरालेन होता है जो मेलानिन उत्पादन बढ़ाता है।
- यह डैंड्रफ और अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं में मदद करता है।
- विशेषज्ञ की सलाह के बिना इसका उपयोग न करें।
- इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हड्डियों की सेहत में मदद करते हैं।
नई दिल्ली, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। आयुर्वेद की प्राचीन औषधीय जड़ी-बूटियों में बाकुची, जिसे बावची या बकुची के नाम से भी जाना जाता है, अपने अद्भुत गुणों के लिए प्रसिद्ध है। त्वचा रोगों, डैंड्रफ, कुष्ठ, और यहां तक कि गंभीर बीमारियों के उपचार में भी इसका उपयोग किया जाता है।
आयुर्वेद, सिद्ध, और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में बाकुची का विशेष स्थान है, जो इसे एक बहुपरकारी औषधि बनाता है।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय भी बाकुची के गुणों और इससे होने वाले लाभ से लोगों को अवगत कराता है। बाकुची के बीजों में मौजूद प्सोरालेन त्वचा रोगों के इलाज में प्रभावी है। यह यौगिक सूरज की रोशनी के साथ मिलकर मेलानिन उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे विटिलिगो (सफेद दाग), सोरायसिस, एग्जिमा और खुजली में राहत मिलती है। बाकुची का तेल त्वचा पर लगाने से निखार आता है और संक्रमण कम होता है। डैंड्रफ से मुक्ति पाने के लिए इसके बीजों के तेल को सिर में लगाया जाता है, जो प्रभावी सिद्ध होता है।
आयुर्वेद में बाकुची को कफ-वात शामक औषधि माना गया है। यह यकृत विकार, बवासीर, पेट के कीड़े, घाव, और मूत्र संबंधी समस्याओं में भी लाभकारी है। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हड्डियों और जोड़ों की सूजन कम करते हैं, जिससे गठिया और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों में राहत मिलती है।
हाल के शोधों ने बाकुची के और भी फायदे उजागर किए हैं। इसके कुछ तत्व कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक सकते हैं, जबकि यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में भी सहायक है, जो मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, बाकुची प्रजनन क्षमता बढ़ाने और हड्डियों को मजबूत करने में भी कारगर है।
हालांकि, बाकुची के अनेक फायदों के बावजूद, इसका उपयोग सावधानी से करना आवश्यक है। अत्यधिक या बिना विशेषज्ञ सलाह के सेवन से फोटोसेंसिटिविटी (धूप में जलन) या त्वचा पर प्रतिक्रिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेदाचार्य या चिकित्सक की सलाह के बाद ही इसका उपयोग करना चाहिए।