क्या मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता 33 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का उद्घाटन करेंगी?

सारांश
Key Takeaways
- 33 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का उद्घाटन किया जाएगा।
- 15 सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्रों का उद्घाटन होगा।
- स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापकता और गुणवत्ता में सुधार होगा।
- टीबी जांच के लिए एनएएटी मशीनें लगाई जा रही हैं।
- दिल्ली सरकार ने एमबीबीएस डॉक्टरों की नियुक्ति का निर्णय लिया है।
नई दिल्ली, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी के स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। शनिवार को राजधानी में 33 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का उद्घाटन किया जाएगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता शनिवार को 15 सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों का भी उद्घाटन करेंगी, जिससे जनता को सस्ती जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता व्यक्तिगत रूप से 33 में से एक आयुष्मान आरोग्य मंदिर का उद्घाटन करेंगी, जबकि अन्य 6 का वर्चुअल अनावरण किया जाएगा। शेष आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का उद्घाटन दिल्ली के कैबिनेट मंत्रियों द्वारा किया जाएगा। इस आयोजन में शामिल होने वाले 6 कैबिनेट मंत्रियों में स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह, लोक निर्माण विभाग मंत्री प्रवेश वर्मा, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, गृह एवं शिक्षा मंत्री आशीष सूद, समाज कल्याण मंत्री रविंद्र इंद्रराज सिंह और संस्कृति एवं कला मंत्री कपिल मिश्रा शामिल हैं।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सभी 33 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में 29 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 4 उप-केंद्र शामिल हैं। ये सभी पहले से संचालित हैं और विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा प्रबंधित किए जा रहे हैं, जिनमें दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं।
दिल्ली में सरकार गठन के बाद, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के उद्घाटन का ऐलान किया था। सरकार का उद्देश्य जनता को स्वास्थ्य सेवाओं का व्यापक दायरा प्रदान करना है, जिसमें रोकथाम, उपचार, पुनर्वास और देखभाल जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। मौजूदा मोहल्ला क्लीनिकों की तुलना में ये केंद्र अधिक सेवाएं प्रदान करेंगे, जिनमें कैंसर की जांच, टीकाकरण और परिवार नियोजन पर विशेष ध्यान होगा।
हालांकि टीबी जांच के लिए एनएएटी मशीनें अभी स्थापित की जा रही हैं, तब तक वैकल्पिक तरीकों से टीबी जांच जारी रहेगी। दिल्ली सरकार ने अन्य राज्यों की तुलना में इन केंद्रों पर एमबीबीएस डॉक्टरों की नियुक्ति का निर्णय लिया है, जिससे चिकित्सकीय गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।