क्या सर्दियों में होने वाली परेशानियों से बचने के लिए गुड़ है लाभकारी?
सारांश
Key Takeaways
- गुड़ सर्दियों में शरीर को गर्म रखने का बेहतरीन उपाय है।
- यह प्रतिरक्षा को मजबूत करता है और रक्त को शुद्ध करता है।
- गुड़ में एंटी-एलर्जिक गुण होते हैं जो संक्रमण से बचाते हैं।
- महिलाओं के मासिक धर्म में दर्द को कम करने में मददगार है।
- सर्दियों में गुड़ का सेवन हृदय के लिए भी लाभकारी है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, खांसी, जुकाम और बुखार से परेशानियाँ बढ़ जाती हैं। इस मौसम में लोग अपने शरीर को गर्म रखने के लिए अधिक कपड़े पहनते हैं, परंतु यह आवश्यक है कि शरीर को अंदर से भी गर्म रखा जाए।
सर्दियों में शरीर को गर्म और स्वस्थ रखने के लिए गुड़ एक बेहतरीन विकल्प है, जिसे बच्चे से लेकर बड़े तक आसानी से उपयोग कर सकते हैं।
आयुर्वेद में गुड़ को 'औषधीय मिठास' माना गया है, जो मीठा होने के साथ-साथ शरीर को सर्दी से बचाने में सहायक होता है। गुड़ शरीर को शुद्ध करता है, प्रतिरक्षा को मजबूत बनाता है और रक्त को भी शुद्ध करता है। इसे सर्दियों में सभी उम्र के लोगों के लिए एक वरदान माना जाता है। गुड़ वात-कफ दोष को संतुलित करता है और शरीर को भीतर से गर्म रखता है।
गुड़ रक्त को शुद्ध करने में सहायक होता है और शरीर में जमा टॉक्सिन को बाहर निकालता है। गुड़ के नियमित सेवन से लिवर और किडनी की कार्यक्षमता बढ़ती है। सर्दियों में सर्दी-जुकाम होना आम बात है। गुड़ में मौजूद एंटी-एलर्जिक और एंटी-माइक्रोबियल गुण शरीर को संक्रमण से बचाते हैं और छाती में जमे कफ को बाहर निकालने में मदद करते हैं। सर्दियों में गुड़, तुलसी और अदरक की चाय या काढ़ा पीने से सर्दी में आराम मिलता है।
सर्दियों के चार महीनों में गुड़ का सेवन आगे होने वाली बीमारियों से भी बचाव करता है। गुड़ का सेवन हृदय और रक्तचाप के लिए भी लाभकारी होता है। गुड़ में मौजूद मैग्नीशियम और पोटेशियम हृदय की गति को संतुलित रखते हैं और धड़कन को नियंत्रित करते हैं। इसके लिए गुड़ के साथ तिल का सेवन भी किया जा सकता है। इससे शरीर में गर्मी बनी रहती है और बीपी भी नियंत्रित रहता है।
महिलाओं के मासिक धर्म में होने वाले दर्द में गुड़ का सेवन लाभकारी होता है। यह हार्मोन को संतुलित रखता है और दर्द को कम करता है। इसके लिए गुड़ को अजवाइन के साथ लेना चाहिए या अजवाइन वाली चाय में गुड़ मिलाकर पीना चाहिए। गर्मियों में गुड़ का सेवन कम करना चाहिए, क्योंकि गर्मियों में यह पित्त की प्रवृत्ति को बढ़ा सकता है।