क्या ईडी ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस के ईएसओपी अनियमितताओं की जांच की?

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क्या ईडी ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस के ईएसओपी अनियमितताओं की जांच की?

सारांश

प्रवर्तन निदेशालय ने केयर हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा जारी किए गए ईएसओपी में अनियमितताओं की जांच शुरू की है। इस प्रक्रिया में एक स्वतंत्र निदेशक को समन भेजा गया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया। क्या यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग की ओर इशारा कर रहा है?

Key Takeaways

  • ईडी की जांच मनी लॉन्ड्रिंग की ओर इशारा कर रही है।
  • सीएचआईएल ने ईएसओपी जारी करने में नियमों का उल्लंघन किया।
  • आईआरडीएआई ने सीएचआईएल पर जुर्माना लगाया है।

मुंबई, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मुंबई शाखा केयर हेल्थ इंश्योरेंस लिमिटेड (सीएचआईएल) द्वारा कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना (ईएसओपी) जारी करने में कथित तौर पर नियमों के उल्लंघन के चलते मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।

ईडी के अनुसार, भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा प्रस्ताव को अस्वीकार किए जाने के बावजूद सीएचआईएल ने 1 मई 2022 को काफी कम कीमत पर ईएसओपी जारी किए।

ईडी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "जांच के एक भाग के रूप में सीएचआईएल के स्वतंत्र निदेशक प्रताप वेणुगोपाल को एक समन जारी किया गया था, ताकि यह समझा जा सके कि किन परिस्थितियों में कंपनी ने आईआरडीएआई द्वारा अस्वीकृति के बावजूद ईएसओपी जारी किया है और इस संबंध में सीएचआईएल के बोर्ड में बाद में चर्चा हुई है।"

बयान में कहा गया कि यह भी ध्यान देने योग्य है कि आईआरडीएआई ने 23 जुलाई 2024 को सीएचआईएल को उन सभी ईएसओपी को रद्द करने का निर्देश दिया है, जिनका आवंटन अभी तक नहीं हुआ है। साथ ही नियामक निर्देशों का पालन न करने पर सीएचआईएल पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

इस मामले पर कथित तौर पर सीएचआईएल की बाद की बोर्ड मीटिंग में चर्चा की गई। जांच के हिस्से के रूप में, ईडी ने वरिष्ठ अधिवक्ता वेणुगोपाल को समन जारी किया, जो सीएचआईएल के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में काम करते हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि किन परिस्थितियों में कंपनी ने ईएसओपी आवंटन के साथ आगे बढ़ना जारी रखा।

इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में वेणुगोपाल के कद को स्वीकार करते हुए, ईडी ने अब समन वापस ले लिया है। एजेंसी ने स्पष्ट किया कि स्वतंत्र निदेशक के रूप में उनकी भूमिका से संबंधित कोई भी आवश्यक दस्तावेज ईमेल के माध्यम से मांगे जाएंगे।

ईडी ने कहा, "इसके अलावा, ईडी ने क्षेत्रीय कार्यालयों के मार्गदर्शन के लिए एक परिपत्र भी जारी किया है कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (बीएसए) की धारा 132 का उल्लंघन करते हुए किसी भी वकील को कोई समन जारी नहीं किया जाएगा।"

इसमें कहा गया, "इसके अलावा, यदि बीएसए, 2023 की धारा 132 के प्रावधान में दिए गए अपवादों के तहत कोई समन जारी करने की आवश्यकता है, तो इसे केवल ईडी के निदेशक की पूर्व स्वीकृति से ही जारी किया जाएगा।"

Point of View

तो प्रवर्तन निदेशालय जैसे संस्थान सक्रियता से कार्य करते हैं। इस मामले में भी, नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों को कठोर सजा का सामना करना पड़ सकता है, जो कि हमारे देश के वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
20/06/2025

Frequently Asked Questions

ईडी की जांच का मुख्य कारण क्या है?
ईडी की जांच का मुख्य कारण केयर हेल्थ इंश्योरेंस द्वारा कर्मचारी स्टॉक स्वामित्व योजना (ईएसओपी) जारी करते समय नियमों का उल्लंघन करना है।
आईआरडीएआई का क्या कहना है?
आईआरडीएआई ने सीएचआईएल को ईएसओपी रद्द करने का निर्देश दिया है, जिनका आवंटन अभी तक नहीं हुआ है।
समन वापस क्यों लिया गया?
ईडी ने वरिष्ठ अधिवक्ता वेणुगोपाल की वरिष्ठता को देखते हुए समन वापस लिया है।