क्या पिता का माइक्रोप्लास्टिक संपर्क बेटियों में डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है?
सारांश
Key Takeaways
- पिता का माइक्रोप्लास्टिक संपर्क बेटियों में मधुमेह का जोखिम बढ़ा सकता है।
- माइक्रोप्लास्टिक हमारे चारों ओर मौजूद है—पानी, खाद्य पदार्थ और वायु में।
- यह अध्ययन पर्यावरणीय स्वास्थ्य को लेकर नई जानकारियाँ देता है।
- इंसुलिन प्रतिरोध बेटियों में डायबिटीज का संकेत है।
- बेटों पर प्रभाव कम देखा गया।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में एक अनुसंधान ने दर्शाया है कि यदि पिता माइक्रोप्लास्टिक (छोटे प्लास्टिक कण) के संपर्क में अधिक रहते हैं, तो उनकी बेटियों में मधुमेह जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है।
यह अनुसंधान चूहों पर किया गया, लेकिन यह इंसानों के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत प्रदान करता है। माइक्रोप्लास्टिक हमारे चारों ओर है—पानी, खाद्य पदार्थ और वायु में—और यह शरीर में जमा हो सकता है। यह अध्ययन दिसंबर 2025 में यूसी रिवरसाइड (यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया) के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया था।
माइक्रोप्लास्टिक छोटे प्लास्टिक के कण होते हैं (5 मिलीमीटर से छोटे) जो उपभोक्ता उत्पादों और औद्योगिक कचरे से उत्पन्न होते हैं।
हालांकि माइक्रोप्लास्टिक का पता पहले ही इंसानों के प्रजनन तंत्र में चल चुका है, लेकिन 'जर्नल ऑफ द एंडोक्राइन सोसाइटी' में प्रकाशित यह अध्ययन पहली बार है जो पिता के माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क और अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य पर केन्द्रित है।
यूसी रिवरसाइड के स्कूल ऑफ मेडिसिन में बायोमेडिकल साइंसेज के प्रोफेसर और लीड लेखक चांगचेंग झोउ ने कहा, "हमारी खोज पर्यावरणीय स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई उम्मीद की किरण लेकर आई है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि माता-पिता का पर्यावरण उनके बच्चों के स्वास्थ्य में कैसे योगदान देता है।"
झोउ ने आगे कहा, "चूहों पर हुई इस अध्ययन के नतीजे इंसानों पर भी प्रभाव डाल सकते हैं। जो पुरुष बच्चे पैदा करने का सोच रहे हैं, उन्हें अपनी और अपने आने वाले बच्चों की स्वास्थ्य, दोनों की रक्षा के लिए माइक्रोप्लास्टिक जैसी हानिकारक चीजों के संपर्क में आने से बचना चाहिए।"
अध्ययन के लिए, टीम ने चूहों को उच्च वसा वाले आहार पर रखा, जिससे उनमें मेटाबोलिक विकार—(रक्तचाप का बढ़ना, उच्च रक्त शर्करा और शरीर में अधिक वसा)—पैदा किए गए। नतीजों से पता चला कि पिता के माइक्रोप्लास्टिक के संपर्क का बेटियों पर अधिक प्रभाव पड़ा। उच्च वसा वाले आहार पर उन्हें इंसुलिन प्रतिरोध (इंसुलिन का कम प्रभाव) हो गया, जो मधुमेह का प्रारंभिक संकेत है। उनका रक्त शर्करा इंसुलिन इंजेक्शन के बाद भी जल्दी कम नहीं हुआ। उनके लीवर में सूजन बढ़ गई और मधुमेह से जुड़े जीन अधिक सक्रिय हो गए। इसके साथ ही, उनकी मांसपेशियों में कमजोरी आई।
बेटों में मधुमेह जैसी समस्या नहीं हुई, लेकिन उनका वसा मास थोड़ा कम हो गया। कुल मिलाकर, प्रभाव लड़कियों में अधिक था।
झोउ ने कहा, "इस लिंग-विशिष्ट प्रभाव के सही कारण अभी स्पष्ट नहीं हैं।"
झोउ ने कहा, "हमारा अध्ययन पहली बार यह दिखाता है कि पिता का माइक्रोप्लास्टिक का संपर्क बच्चों में मेटाबॉलिक समस्याओं का कारण बनता है।"