क्या गुजरात के जामनगर स्थित आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान से 65 देशों के छात्रों ने शिक्षा हासिल की?

सारांश
Key Takeaways
- आईटीआरए ने 65 देशों के छात्रों को आयुर्वेद की शिक्षा प्रदान की है।
- यह संस्थान आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा को वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध कर रहा है।
- यहाँ 300 बेड
- ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का निर्माण चल रहा है।
- आईटीआरए को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है।
जामनगर, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के जामनगर में स्थित आयुर्वेद शिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) ने आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देकर भारत को एक नई पहचान दी है। यह संस्थान न केवल देश के भीतर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आयुर्वेद की शिक्षा और अनुसंधान के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ विदेशी छात्र भी आयुर्वेद का अध्ययन करने आते हैं। अब तक इस संस्थान से 65 देशों के छात्रों ने आयुर्वेद में उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त की है।
आईटीआरए के प्रोफेसर अर्पण भट्ट ने शुक्रवार को एक समाचार एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा कि वह इस संस्थान से पिछले 45 वर्षों से जुड़े हुए हैं। यहाँ आयुर्वेद का व्यावहारिक ज्ञान दिया जाता है, साथ ही रिसर्च भी किया जाता है। योग से संबंधित कई कार्यक्रम भी यहाँ चलाए जाते हैं। यहाँ एक 300 बेड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी पहल और भारत सरकार के सहयोग से इस संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया है। हर साल विदेश से 15 से 20 छात्र विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए यहाँ आते हैं। केंद्र सरकार की ओर से इस संस्थान को प्रोत्साहन भी मिल रहा है। वर्तमान में यहाँ 15 देशों के छात्र शिक्षा ले रहे हैं, जिनमें श्रीलंका, नेपाल, ब्राजील, रोमानिया, फ्रांस, स्पेन आदि शामिल हैं।
श्रीलंका की छात्रा बोधिनी, जो यहाँ पोस्ट एमडी क्लीनिकल ट्रेनिंग का कोर्स कर रही हैं, ने बताया कि इस कोर्स के दौरान उन्हें कई महत्वपूर्ण बातों का ज्ञान प्राप्त हुआ है, जो उनके और उनके देश के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा।
कोलंबो विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन कर चुकी बुधिका ने कहा कि उन्होंने कई ट्रेनिंग सत्रों में भाग लिया है और उन्हें बहुत ज्ञान प्राप्त हुआ है। उन्होंने संस्थान के सभी स्टाफ का धन्यवाद किया है और भारत का भी आभार व्यक्त किया है, जिसने श्रीलंका मूल की एक नागरिक को यहाँ शिक्षा का अवसर प्रदान किया।
आईटीआरए की निदेशक तनुजा नेसारी ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि संस्थान में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का एक केंद्र बन रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीएसटीएम) की आधारशिला रखी थी। इस केंद्र का 70 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है और यह दिसंबर तक पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी, डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य देशों के गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगा। यह केंद्र जामनगर के लिए एक महत्वपूर्ण उपहार और देश का एक प्रतिष्ठित योगदान होगा, जो पीएम मोदी की कल्पना के अनुरूप है।
संस्थान में पारंपरिक चिकित्सा अनुसंधान एवं साक्ष्य इकाई की प्रमुख डॉ. गीता कृष्णन गोपालकृष्ण पिल्लई ने एक बड़ी प्रगति के बारे में जानकारी साझा की। परिसर में स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक इमारत में जल्द ही आयुर्वेद के लिए दुनिया का सबसे बड़ा अनुसंधान एवं सूचना केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस रिसर्च सेंटर से भारत सहित गुजरात को काफी लाभ होगा।