क्या आप कंप्यूटर पर काम करते हैं? हो सकते हैं 'फ्रोजन शोल्डर' का शिकार! जानिए इसके लक्षण

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क्या आप कंप्यूटर पर काम करते हैं? हो सकते हैं 'फ्रोजन शोल्डर' का शिकार! जानिए इसके लक्षण

सारांश

क्या आप कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करते हैं? इस जीवनशैली के कारण 'फ्रोजन शोल्डर' जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। जानिए इसके लक्षण और उपाय।

Key Takeaways

  • कंप्यूटर उपयोग के कारण 'फ्रोजन शोल्डर' का खतरा बढ़ता है।
  • आयुर्वेद में इसके कई उपचार बताए गए हैं।
  • नियमित मालिश से राहत मिल सकती है।
  • गिलोय का रस और हल्दी वाला दूध फायदेमंद हैं।
  • सही जीवनशैली अपनाने से स्वास्थ्य में सुधार होगा।

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान जीवनशैली में अधिकांश कार्य या तो कंप्यूटर पर या फिर फोन के माध्यम से होते हैं। इससे युवाओं में गर्दन और कंधे से संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं।

कई बार एक्सरसाइज या मालिश से राहत मिलती है, लेकिन हर बार ऐसा संभव नहीं होता है, और करवट लेने या हाथों को हिलाने में भी कठिनाई हो सकती है। इस अवस्था को फ्रोजन शोल्डर कहा जाता है। आयुर्वेद में इसे अवबाहुक शूल कहा गया है।

आयुर्वेद में अवबाहुक शूल को वात दोष और कफ दोष से जोड़ा गया है। जब शरीर में ये दोष असंतुलित होते हैं, तो मांसपेशियां और हड्डियों के जोड़ कमजोर होने लगते हैं और उन पर वसा का जमाव होने लगता है। इस स्थिति में जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में जकड़न, कंधे से लेकर गर्दन में खिंचाव और अधिक गंभीर स्थिति में गर्दन का न मोड़ पाना शामिल है। अवबाहुक शूल के कई कारण हैं, जैसे ज्यादा तला-भुना खाना, कम पानी पीना, अधिक मेहनती या भारी काम करना, एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठना, या ज्यादा समय तक पानी में रहना।

आयुर्वेद में अवबाहुक शूल से राहत पाने के कई उपाय बताए गए हैं। सबसे पहले, तेल और मालिश के जरिए दर्द से राहत मिल सकती है। तिल का तेल, दशमूल तेल या बालाश्वगंधा तेल से प्रभावित हिस्से पर मालिश की जा सकती है। रोजाना सुबह 10 मिनट और शाम को 10 मिनट तक मालिश करें। इससे मांसपेशियों में रक्त संचार बढ़ेगा और दर्द और जकड़न में राहत मिलेगी। इसके अलावा, पट्टी स्वेदन भी किया जा सकता है। इसके लिए गर्म पट्टी का उपयोग करें और भाप लगाकर तवे की सहायता से सेक करें।

कुछ औषधियों और घरेलू चीजों का सेवन करके भी राहत पाई जा सकती है, जैसे हल्दी वाला दूध, जो मांसपेशियों की जकड़न कम करेगा और दर्द से राहत देगा। गिलोय का रस भी फायदेमंद होता है। सुबह खाली पेट गिलोय का रस पीने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और हड्डियां भी मजबूत होंगी।

अश्वगंधा और योगराज गुग्गुल का चूर्ण भी लिया जा सकता है। रात को सोने से पहले इन चूर्णों को अलग-अलग लेना लाभकारी होता है, ये दर्द और सूजन में आराम देते हैं। इसके साथ ही गर्म पानी से नहाने से भी आराम मिलेगा।

Point of View

यह कहना आवश्यक है कि आज की डिजिटल जीवनशैली ने स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाला है। 'फ्रोजन शोल्डर' जैसी बीमारियों का बढ़ता प्रकोप हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमें अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा। स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

फ्रोजन शोल्डर के लक्षण क्या हैं?
फ्रोजन शोल्डर के लक्षणों में कंधे और गर्दन में दर्द, जकड़न, और हाथों को उठाने में कठिनाई शामिल है।
फ्रोजन शोल्डर से कैसे बचें?
फ्रोजन शोल्डर से बचने के लिए नियमित व्यायाम, सही पोषण और लंबे समय तक एक स्थान पर न बैठने का ध्यान रखें।