क्या केवड़े का फूल है सुगंध के साथ सेहत का खजाना और तनाव से बचने का प्राकृतिक उपाय?
सारांश
Key Takeaways
- केवड़ा की सुगंध से मन को शांति मिलती है।
- यह तनाव को कम करने में सहायक है।
- इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं।
- बुखार में केवड़ा राहत प्रदान करता है।
- यह पाचन को सुधारता है।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केवड़ा भारतीय पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसकी अद्भुत सुगंध के कारण, यह पूजा में भगवान को अर्पित किया जाता है। इत्र, शर्बत और मिठाइयों में इसका उपयोग किया जाता है। केवड़े के औषधीय गुण भी अत्यंत विशेष हैं और आयुर्वेद में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।
प्राचीन ग्रंथों जैसे चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में फूलों के औषधीय उपयोग का उल्लेख किया गया है। केवड़े का तेल और अर्क तनाव कम करने, सिर दर्द से राहत, जोड़ों के दर्द में आराम, पाचन को बेहतर बनाने और इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक होता है। यह प्राकृतिक रूप से शरीर को शुद्ध करता है और कई बीमारियों से बचाव करता है।
इसके वैज्ञानिक नाम पैंडनस ओडोरैटिसिमस है। आयुर्वेद के अनुसार, फूलों का महत्व केवल सौंदर्य में नहीं होता, बल्कि यह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। केवड़ा प्राकृतिक चिकित्सा का एक अनिवार्य हिस्सा है।
केवड़े के फूलों से निकाला गया एसेंशियल ऑयल तनाव को कम करने और मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। इसकी सुगंध या तेल की मालिश से मन को शांति मिलती है। सिर दर्द, माइग्रेन और कान के दर्द में इसका तेल राहत प्रदान करता है। जोड़ों के दर्द, गठिया और सूजन में यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से आराम पहुंचाता है।
केवड़े का अर्क भूख को बढ़ाता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है, जिससे अपच और गैस की समस्या दूर होती है।
आयुर्वेद के अनुसार, केवड़ा बुखार और शरीर की थकावट मिटाने में भी उपयोगी है। इसके शर्बत या अर्क से शरीर को ठंडक मिलती है और कमजोरी दूर होती है। गर्मी के मौसम में इसका शर्बत ऊर्जा और ठंडक के लिए उपयोगी होता है। इसके शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रैडिकल्स से लड़ते हैं। इसमें एंटीवायरल, एंटी एलर्जी, एंटी प्लेटलेट और एंटी कैंसर गुण भी होते हैं।
यह शरीर को शुद्ध करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। फूलों को चबाने से सांस ताजा रहती है और इसका उपयोग खाद्य पदार्थों में संरक्षक के रूप में भी किया जाता है।
आज के समय में केवड़ा के गुणों को अपनाकर दवाओं से बचा जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।