क्या लगातार बैठने की आदत बन सकती है बीमारियों की जड़? जानिए आयुर्वेदिक समाधान
सारांश
Key Takeaways
- लगातार बैठने से कमर दर्द की समस्या बढ़ती है।
- मोटापे और मेटाबॉलिज्म की गड़बड़ी से बचने के लिए नियमित रूप से चलना चाहिए।
- ब्लड शुगर और हार्ट रिस्क को कम करने के लिए स्ट्रेचिंग करें।
- पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।
- गर्दन और कंधे के दर्द से राहत पाने के लिए मालिश करें।
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हम अपने दिन का अधिकांश समय बैठकर बिताते हैं, चाहे वह ऑफिस हो या घर। लैपटॉप के सामने बैठना, गाड़ी चलाना या टीवी देखना, ये सभी बैठने की आदतें हैं। यह सामान्य लग सकता है, लेकिन समय के साथ यह कई बीमारियों का कारण बन सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार, अत्यधिक बैठना, सोना या आलस्य शरीर के लिए हानिकारक है। लगातार बैठने से वात दोष बढ़ता है, जिससे रक्त प्रवाह, पाचन क्षमता और मानसिक ऊर्जा प्रभावित होती है।
पहली समस्या कमर दर्द और रीढ़ की कमजोरी है। कई घंटों तक एक ही स्थान पर बैठे रहना रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालता है, जिससे कमर दर्द आम हो जाता है। इससे बचने के लिए, हर 30-40 मिनट में उठकर 2 मिनट चलें। साथ ही, रोजाना भुजंगासन या शशांकासन करें। इसके अलावा, तिल के तेल से पीठ और गर्दन की हल्की मालिश भी फायदेमंद होती है।
दूसरी बड़ी समस्या मोटापा और मेटाबॉलिज्म की गड़बड़ी है। लंबे समय तक बैठने से पाचन अग्नि कमजोर होती है, जिससे भोजन ठीक से नहीं पचता और चर्बी जमा होने लगती है। सुबह खाली पेट नींबू और शहद का गुनगुना पानी लें और भोजन के बाद कम से कम 100 कदम चलें।
तीसरी समस्या ब्लड शुगर और हार्ट रिस्क का बढ़ना है। लगातार बैठने से ब्लड में ग्लूकोज का उपयोग नहीं हो पाता और कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। इससे डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। हर घंटे में एक बार स्ट्रेचिंग करें और अपने आहार में लौकी, मेथी दाना और दालचीनी जैसी चीजें शामिल करें।
लगातार बैठने का प्रभाव पाचन तंत्र पर भी पड़ता है। गैस, कब्ज और पेट फूलने की समस्याएँ आम हो जाती हैं। ऐसे में भोजन के बाद त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी में मिलाकर पीना फायदेमंद होता है।
गर्दन और कंधे का दर्द (सर्वाइकल पेन) भी इससे जुड़ा हुआ है। मोबाइल या कंप्यूटर पर झुककर बैठने से गर्दन की नसों पर दबाव पड़ता है। इसे ठीक करने के लिए हल्की स्ट्रेचिंग और तिल के तेल से ग्रीवा मालिश करें।