क्या 'विकसित भारत जी-राम जी' बिल विकसित भारत के विजन को दर्शाता है? : भाजपा नेता सीएन अश्वथ

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क्या 'विकसित भारत जी-राम जी' बिल विकसित भारत के विजन को दर्शाता है? : भाजपा नेता सीएन अश्वथ

सारांश

क्या 'विकसित भारत जी-राम जी' बिल वास्तव में विकसित भारत के विजन को दर्शाता है? भाजपा नेता सीएन अश्वथ ने इस पर अपने विचार साझा किए हैं। जानें इस विषय पर और क्या कहता है विपक्ष।

Key Takeaways

  • विकसित भारत जी-राम जी बिल का उद्देश्य महात्मा गांधी के स्वराज की दिशा में एक कदम है।
  • सरकार का कहना है कि यह एक सुधारात्मक प्रक्रिया है।
  • विपक्ष का मानना है कि यह महात्मा गांधी के नाम को हटाने की साजिश है।
  • केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इसे मजदूरों के हित में बताया है।
  • संसद का शीतकालीन सत्र इस मुद्दे पर खास रहा।

बेलगावी, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मनरेगा का नाम विकसित भारत जी-राम जी करने को लेकर विपक्ष ने हमला बोल रखा है, जबकि सत्ता पक्ष के नेता इसे एक सुधारात्मक प्रक्रिया मानते हैं। इस बीच, भाजपा नेता सी.एन. अश्वथ ने स्पष्ट किया कि यह योजना विकसित भारत के विजन को स्पष्ट करती है।

भाजपा नेता सी. एन. अश्वथ नारायण ने कहा, "विकसित भारत जी-राम जी बिल अत्यंत प्रगतिशील है और विकसित भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य को दर्शाता है। यह 2047 के भारत के विजन को प्रस्तुत करता है, जो उस दिशा का संकेत है जिसमें देश आगे बढ़ना चाहता है। सभी भारतीयों में जागरूकता पैदा करना अत्यंत आवश्यक है; यह समझना जरूरी है कि हमें कहां जाना है और क्या करना है। नाम बदलने का एक स्पष्ट मकसद और इरादा है, जिसका उद्देश्य महात्मा गांधी के स्वराज के सपने को साकार करना और एक विकसित समाज की स्थापना करना है।"

उन्होंने बिल को लेकर कांग्रेस के विरोध पर कहा, "कांग्रेस ने गांधीजी के विजन को कमजोर किया है। पार्टी गांधीजी के सच्चे सिद्धांतों को अपनाए बिना केवल उनके नाम का उपयोग करना चाहती है। इस तरह, कांग्रेस पार्टी अक्सर स्वार्थी साबित होती है, जो देश से ज्यादा अपने निजी हितों को प्राथमिकता देती है।"

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, "यह एक राजनीतिक चाल है। यह मजदूरों के हित में उठाया गया एक अच्छा कदम है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे वही लोग हैं जो मजदूरों के खिलाफ हैं। चाहे टीएमसी हो या कांग्रेस, यह नया बिल मजदूरों के हित में है।"

ज्ञात हो कि संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया है। इस सत्र के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' यानी 'विकसित भारत-जी राम जी' करने वाले बिल को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव देखा गया।

जहां एक ओर विपक्ष ने सरकार पर एजेंडे के तहत जानबूझकर योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने की साजिश का आरोप लगाया, वहीं सत्ता पक्ष के लोग पुराने बिल में सुधार की बात कर रहे हैं और इसे आवश्यक बता रहे हैं।

Point of View

विपक्ष की चिंताएं भी सुनने योग्य हैं। देश के विकास के लिए सभी दृष्टिकोणों को समझना आवश्यक है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

विकसित भारत जी-राम जी बिल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस बिल का मुख्य उद्देश्य महात्मा गांधी के स्वराज के सपने को साकार करना और विकसित भारत के लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ना है।
क्या इस बिल का नाम बदलने से कोई प्रभाव पड़ेगा?
हाँ, नाम बदलने से योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाने और महात्मा गांधी के विचारों को पुनर्जीवित करने की कोशिश की जा रही है।
क्या विपक्ष का विरोध सही है?
विपक्ष का कहना है कि यह महात्मा गांधी के नाम को हटाने की साजिश है, लेकिन सत्ता पक्ष इसे सुधारात्मक प्रक्रिया मानता है।
इस बिल के तहत क्या बदलाव किए गए हैं?
इस बिल के अंतर्गत मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत-जी राम जी' किया गया है और इसे विकसित भारत के विजन के अनुरूप तैयार किया गया है।
कांग्रेस का इस बिल पर क्या कहना है?
कांग्रेस का आरोप है कि यह महात्मा गांधी के सिद्धांतों को कमजोर करने का प्रयास है।
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