क्या ये आदतें 'लैरिंक्स' को नुकसान पहुँचा सकती हैं?

सारांश
Key Takeaways
- लैरिंक्स की देखभाल में आहार का महत्वपूर्ण योगदान होता है।
- सिगरेट और शराब से दूरी बनाना आवश्यक है।
- योग और व्यायाम से लैरिंक्स को स्वस्थ रखा जा सकता है।
- गुनगुना पानी गले के लिए फायदेमंद होता है।
- संक्रमण के मामले में डॉक्टर से परामर्श करें।
नई दिल्ली, ४ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बोलना और अपनी भावनाओं को व्यक्त करना, सभी को पसंद है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह कैसे संभव होता है? यह हमारे गले में मौजूद 'लैरिंक्स' से संभव होता है, जिसे स्वरयंत्र कहा जाता है।
लैरिंक्स एक नली है, जो न केवल बोलने में बल्कि सांस लेने, खाना निगलने और कंपन पैदा करने में भी मदद करती है। इस छोटी सी नली की देखभाल करना अत्यंत आवश्यक है।
लैरिंक्स बहुत संवेदनशील होता है और इसका ध्यान न रखने पर गले में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इनमें सामान्य समस्या गले में खराश और संक्रमण है। सामान्यतः यह मौसम बदलने पर होता है, लेकिन यदि यह बार-बार हो रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। इसके अलावा, यदि गला बार-बार सूखता है और खांसी आ रही है या बोलने या निगलने में कठिनाई हो रही है, तो यह बीमारी का संकेत हो सकता है।
लैरिंक्स में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह अधिक शराब पीने, सिगरेट पीने, तनाव लेने, और ऊँची आवाज में बोलने से हो सकता है। ऐसे में वोकल कॉर्ड्स पर गांठ उभर आती है, जिससे निगलने और बोलने में कठिनाई होती है। लैरिंक्स में होने वाली बीमारियों से बचने के लिए कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
इसके लिए आहार में परिवर्तन किया जा सकता है, जैसे कम तली और मसालेदार चीजों का सेवन, बहुत अधिक ठंडा पानी पीने से बचना और शराब-सिगरेट से दूरी बनाना। इसके अलावा, शहद, अदरक, तुलसी, और मुलेठी जैसी चीजों का सेवन लाभकारी है। यदि इनका काढ़ा बनाकर पिया जाए, तो यह गले के लिए औषधि के समान है। यह काढ़ा गले को ठीक रखेगा और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाएगा।
लैरिंक्स की देखभाल के लिए सही समय पर सोना भी आवश्यक है। तनाव मुक्त दिन बिताएं। सुबह-शाम योग या एक्सरसाइज करके भी लैरिंक्स का ख्याल रखा जा सकता है। योग में गले से जुड़े कई आसन हैं, जिनमें कपालभाति, उज्जायी प्राणायाम, सिंघासन, मत्स्यासन, सर्वांगासन और उत्तानासन शामिल हैं। गुनगुना पानी भी लैरिंक्स के लिए वरदान है। यदि गले में दर्द या बोलने में कठिनाई हो रही है, तो गुनगुने पानी का सेवन करें। यह गले को आराम देगा और वजन को नियंत्रित करने में मदद करेगा।