क्या लातविया में अफ्रीकी स्वाइन फीवर का प्रकोप पशुपालन उद्योग के लिए ख़तरा है?

सारांश
Key Takeaways
- एएसएफ एक घातक सूअरों का रोग है।
- लातविया में 23,300 मवेशियों को मारने का निर्णय लिया गया है।
- क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं।
- यह बीमारी 100% मृत्यु दर का कारण बन सकती है।
- वैश्विक पोर्क उद्योग को बड़ा झटका लगा है।
रीगा, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य लातविया के लौबेरे पैरिश में एक बड़े सूअर फार्म पर अफ्रीकी स्वाइन फीवर (एएसएफ) का प्रकोप पाया गया है। लातविया के पशु चिकित्सकों ने बताया है कि इस संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए बाल्टिक फार्म के 23,300 से अधिक मवेशियों को मारने का निर्णय लिया गया है।
फार्म की प्रतिनिधि डाइगा लुबका के अनुसार, नुकसान का सही आकलन अभी करना जल्दबाजी होगी। यह इस वर्ष लातविया में घरेलू सूअरों में पाया गया आठवां एएसएफ प्रकोप है। यह बीमारी सबसे पहले 2014 में लातविया में दर्ज हुई थी और आमतौर पर जंगली सूअरों के बीच फैलती है।
प्रभावित क्षेत्र में क्वारंटाइन सेंटर स्थापित किए गए हैं, जहां मवेशियों और उनसे जुड़े उत्पादों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आस-पास के फार्मों में स्वास्थ्य और जैव सुरक्षा की जांच भी की जा रही है।
एएसएफ सूअरों के लिए एक अत्यधिक संक्रामक और घातक रोग है, जो खून बहने वाली बीमारी और गंभीर घाव उत्पन्न करता है। इसके लक्षण पारंपरिक स्वाइन फीवर से मिलते हैं।
घरेलू और जंगली सूअरों में इस वायरस की मृत्यु दर 100 प्रतिशत तक हो सकती है।
अफ्रीका में यह बीमारी लंबे समय से मौजूद है। 2007 में यह वायरस अफ्रीका से जॉर्जिया पहुंचा और उसके बाद धीरे-धीरे पूर्वी और मध्य यूरोप, रूस, एशिया (खासतौर पर चीन, जो दुनिया का सबसे बड़ा पोर्क उत्पादक है), और अमेरिका (हैती और डोमिनिकन गणराज्य) तक फैल गया।
इस बीमारी के कारण अब तक दुनिया भर में लाखों सूअरों को मारा गया है, जिससे वैश्विक पोर्क उद्योग को बड़ा झटका लगा है। हाल के वर्षों में इसके लिए कारगर और सुरक्षित टीकों का विकास हुआ है और कुछ देशों में इनके उपयोग की अनुमति भी मिल चुकी है।
1957 तक एएसएफ केवल उप-सहारा अफ्रीका में सीमित था। लेकिन, उसी वर्ष पुर्तगाल के लिस्बन हवाई अड्डे के पास हवाई जहाजों के बचे-खुचे भोजन सूअरों को खिलाने पर वहां प्रकोप हुआ। 1960 में पुर्तगाल में एक और मामला सामने आया।
1990 के दशक के मध्य तक एएसएफ इबेरियन प्रायद्वीप में लगातार मौजूद रहा।