क्या जीवन आस्था से लोगों की समस्याएँ दूर की जा सकती हैं? : हर्ष संघवी

सारांश
Key Takeaways
- जीवन आस्था ट्रस्ट ने 10 वर्षों में लाखों लोगों की सहायता की है।
- यह हेल्पलाइन विभिन्न राज्यों में कार्यरत है।
- आपातकालीन नंबर 112 से जोड़ने की योजना है।
- निराशा एक क्षणिक स्थिति है, समय पर सहायता से जीवन बच सकता है।
- सभी को एकजुट होकर मदद करनी चाहिए।
गांधीनगर, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीवन आस्था ट्रस्ट ने विश्व आत्महत्या निवारण दिवस के अवसर पर गुजरात के गांधीनगर सेक्टर-17 में अपना 10वां स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी, डीजीपी विकास सहाय और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
गृह मंत्री हर्ष संघवी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "जीवन आस्था पिछले दस वर्षों से लोगों को नया जीवन देने के लिए कार्यरत है। इस अवधि में विभिन्न राज्यों और पड़ोसी क्षेत्रों से लगभग 1.5 लाख से अधिक फोन कॉल्स के माध्यम से हजारों लोगों को आत्महत्या के विचारों से बाहर निकालने में सहायता की गई है।"
उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में जीवन आस्था हेल्पलाइन केवल गुजरात में ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़, बिहार, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों के लोगों के लिए भी आशा का प्रतीक बनी है। जल्द ही इस हेल्पलाइन को आपातकालीन नंबर 112 से जोड़ने की योजना है, जिससे सहायता अधिक तेजी से पहुंच सके।
संघवी ने सभी से, विशेषकर महिलाओं से, अपील की कि वे किसी की परेशानी का मजाक न बनाएं। दूसरों के संकट को अपने संकट के रूप में समझकर उनकी सहायता करें। निराशा केवल कुछ पल की होती है और सही समय पर मिलने वाली सहायता जीवन बचा सकती है।
उन्होंने कहा कि दूसरों की मुसीबत को अपनी मुसीबत समझकर उसे सुलझाने का प्रयास करें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जा सके। जब तक हम सब मिलकर एक-दूसरे की सहायता नहीं करेंगे, तब तक लोगों की समस्याएं दूर नहीं होंगी।
संघवी ने कहा, "हमारा प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जा सके और सहायता उपलब्ध कराई जा सके। लोगों को जीवन आस्था से जोड़ना चाहिए, ताकि उनका जीवन सुरक्षित रह सके।"
इस कार्यक्रम में रेंज आईजी वीरेंद्र सिंह यादव, एसपी रवी तेजा वासम शेट्टी और कलेक्टर मेहुल दवे भी उपस्थित थे।