क्या आप मांसपेशियों के दर्द से जूझ रहे हैं? ये पांच योगासन देंगे राहत

सारांश
Key Takeaways
- वृक्षासन से संतुलन और लचीलापन बढ़ता है।
- सेतुबंधासन से रीढ़ और पैरों को मजबूती मिलती है।
- चक्रासन से शरीर में खिंचाव और मांसपेशियों में आराम मिलता है।
- भुजंगासन से रक्त प्रवाह बढ़ता है और दर्द में राहत मिलती है।
- अधोमुख श्वानासन से हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती में सुधार होता है।
नई दिल्ली, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भागदौड़ भरी जिंदगी, घंटों तक एक ही स्थिति में बैठना या खड़े रहना, और उम्र का बढ़ना... ये सभी कारक आजकल लोगों में पैरों और मांसपेशियों के दर्द का मुख्य कारण बन गए हैं। इस स्थिति में, योगासन एक प्रभावी और प्राकृतिक उपाय है, जो न केवल शरीर को लचीला बनाता है, बल्कि पैरों की मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों को भी मजबूती प्रदान करता है। यदि आपको अक्सर पैरों या पीठ में दर्द की समस्या होती है, तो कुछ आसन आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
वृक्षासन: वृक्षासन, जिसे 'ट्री पोज' कहा जाता है, संतुलन के साथ शरीर को मजबूती प्रदान करता है। यह विशेष रूप से पैरों और कूल्हों की हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक है। इस आसन में एक पैर पर खड़े होकर दूसरे पैर को जांघ पर रखा जाता है और हाथों को ऊपर नमस्कार मुद्रा में जोड़ा जाता है। यह आसन शरीर के निचले हिस्से में संतुलन बनाता है और मांसपेशियों को सक्रिय करता है। नियमित अभ्यास से जांघ, पिंडली और टखनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, साथ ही मानसिक एकाग्रता भी बढ़ती है।
सेतुबंधासन: सेतुबंधासन, जिसे ब्रिज पोज कहा जाता है, दर्द से राहत के लिए बहुत प्रभावी है। यह रीढ़, कूल्हे और पैरों की मांसपेशियों के लिए खासतौर पर लाभकारी है। इस आसन में पीठ के बल लेटकर घुटनों को मोड़ते हुए कूल्हों को ऊपर उठाना होता है। यह मुद्रा शरीर में रक्त संचार को बेहतर करती है और थकी हुई मांसपेशियों को आराम देती है। नियमित अभ्यास से मांसपेशियों में लचीलापन आता है।
चक्रासन: चक्रासन पूरे शरीर के लिए बेहद लाभकारी होता है, जिसे 'व्हील पोज' कहा जाता है। इस आसन में पूरे शरीर में खिंचाव होता है, जिससे मांसपेशियों में आई अड़चनें दूर होती हैं और पीठ, कंधों और पैरों को मजबूती प्राप्त होती है। यह आसन उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं।
भुजंगासन: भुजंगासन पैरों और पीठ में दर्द से पीड़ित लोगों के लिए एक अत्यंत प्रभावी आसन है। इस आसन में शरीर को सर्प के समान पीछे की ओर उठाया जाता है, जिससे पीठ और जांघों की मांसपेशियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह आसन उन लोगों के लिए लाभकारी है जो घंटों एक स्थान पर बैठे रहते हैं और चलने-फिरने में दर्द महसूस करते हैं। भुजंगासन न केवल दर्द को कम करता है, बल्कि शरीर के निचले हिस्से में रक्त प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे मांसपेशियों को पोषण मिलता है और सूजन में राहत मिलती है।
अधोमुख श्वानासन: यह आसन भी हड्डियों और मांसपेशियों के लिए बेहद प्रभावी है। इसे 'डाउनवर्ड डॉग पोज' के नाम से भी जाना जाता है। इस आसन से पैरों, पिंडलियों और टखनों की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है। इसका अभ्यास हड्डियों की मजबूती बढ़ाता है और पुरानी थकान या दर्द को दूर करने में मदद करता है। यह आसन शरीर के रक्तसंचार को बेहतर बनाता है।