क्या मौसम में परिवर्तन से बीमारियां बढ़ती हैं? जानें इम्युनिटी और त्वचा पर प्रभाव

Click to start listening
क्या मौसम में परिवर्तन से बीमारियां बढ़ती हैं? जानें इम्युनिटी और त्वचा पर प्रभाव

सारांश

मौसम का परिवर्तन हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। जानें कैसे इम्युनिटी, सांस और त्वचा पर असर होता है और क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं।

Key Takeaways

  • विटामिन सी और जिंक युक्त आहार इम्युनिटी बढ़ाते हैं।
  • गुनगुना पानी और भाप सांस संबंधी दिक्कतों से बचाते हैं।
  • मॉइस्चराइजर त्वचा की सुरक्षा करता है।
  • हल्की एक्सरसाइज और धूप जोड़ों के लिए फायदेमंद है।
  • बदलते मौसम में स्वास्थ्य की देखभाल जरूरी है।

नई दिल्ली, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। मौसम में परिवर्तन हमेशा हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अनुकूल नहीं होता है। जैसे ही हम गर्मियों से बारिश या बारिश से सर्दियों की ओर बढ़ते हैं, बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसका सीधा प्रभाव हमारी इम्युनिटी, सांस और त्वचा पर देखने को मिलता है।

इस समय, सबसे अधिक लोग खांसी-जुकाम, गले में खराश और बुखार से ग्रस्त हैं। समस्या यह है कि यह समझना कठिन होता है कि परेशानी वायरल संक्रमण से है या एलर्जी से।

वायरल में आमतौर पर बुखार और शरीर में दर्द शामिल होता है, जबकि एलर्जी में छींकों, नाक बहने और आंखों में पानी जैसी समस्याएं अधिक होती हैं। चिकित्सकों की सलाह है कि यदि लक्षण लगातार ३-४ दिन बने रहते हैं, तो टेस्ट और जांच करानी चाहिए।

बदलते मौसम में हवा की नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव अस्थमा पीड़ितों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होते हैं। २०२३ की जर्नल ऑफ अस्थमा में एक अध्ययन में पाया गया कि मौसम के संक्रमण काल में अस्थमा अटैक की संभावना ३० प्रतिशत तक बढ़ जाती है। ठंडी हवा में मौजूद धूलकण सांस की नली को संकुचित कर देते हैं।

जैसे ही मौसम ठंडा होना शुरू होता है, त्वचा की सू dryness, डैंड्रफ और फंगल संक्रमण तेजी से बढ़ने लगते हैं। दूसरी ओर, बुजुर्गों और गठिया से पीड़ित लोग जोड़ों में अकड़न और दर्द का अनुभव करते हैं। कई शोधों में यह पाया गया है कि ठंडे तापमान और लो-प्रेशर वातावरण के कारण जोड़ों के टिश्यू सिकुड़ जाते हैं, जिससे दर्द और स्टिफनेस बढ़ती है। तो, आखिरकार ऐसे कौन से उपाय हैं जिनसे हम अपनी इम्युनिटी को बढ़ा सकते हैं और समस्याओं को अलविदा कह सकते हैं!

शोध बताते हैं कि बदलते मौसम में विटामिन सी और जिंक युक्त आहार (जैसे नींबू, आंवला, गुड़, हरी सब्ज़ियां) इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। गुनगुने पानी और भाप से सांस संबंधी दिक्कतों से बचा जा सकता है, और मॉइस्चराइजर तथा एंटी-फंगल देखभाल त्वचा को सुरक्षित रख सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात, सर्दियों की शुरुआत में हल्की एक्सरसाइज और धूप जोड़ों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है।

हम मौसम को बदलने से रोक नहीं सकते, लेकिन हम अपनी सेहत को बिगड़ने से रोक सकते हैं। बस कुछ आसान उपाय अपनाकर आप संक्रमण काल को आसानी से पार कर सकते हैं!

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि मौसम में बदलाव से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सही जानकारी और उपायों के साथ, हम अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।
NationPress
25/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या बदलते मौसम से इम्युनिटी कमजोर होती है?
हां, मौसम में बदलाव से इम्युनिटी पर प्रभाव पड़ता है। सही पोषण और देखभाल से इसे मजबूत किया जा सकता है।
बदलते मौसम में अस्थमा के मरीजों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
अस्थमा के मरीजों को नमी और तापमान में बदलाव के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और नियमित रूप से अपनी दवाएं लेनी चाहिए।
क्या सर्दियों में त्वचा की देखभाल जरूरी है?
जी हां, सर्दियों में त्वचा की देखभाल आवश्यक है। मॉइस्चराइज़र और एंटी-फंगल उत्पादों का उपयोग करना फायदेमंद होता है।