क्या पादहस्तासन से लचीलापन और पाचन शक्ति बढ़ाई जा सकती है? आयुष मंत्रालय ने बताए फायदे

सारांश
Key Takeaways
- पादहस्तासन से लचीलापन बढ़ता है।
- यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है।
- महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी।
- सावधानियों का पालन करना आवश्यक है।
- योग का अभ्यास नियमित रूप से करें।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में स्वास्थ्य को बनाए रखना हर किसी के लिए आवश्यक हो गया है। लोग अब दवाइयों के बजाय प्राकृतिक तरीकों को अपनाने में लगे हैं, जिसमें योग एक प्रभावी और सरल उपाय माना जाता है। योग न केवल शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। रोजाना कुछ मिनट योग का अभ्यास करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। इसी संदर्भ में, आयुष मंत्रालय ने पादहस्तासन के लाभ और सावधानियों के बारे में एक पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा की है।
आयुष मंत्रालय ने पादहस्तासन के अभ्यास को क्रमवार चित्रों के माध्यम से समझाया है।
इस पोस्ट के कैप्शन में आयुष मंत्रालय ने लिखा, "आगे की ओर झुकें, गहराई से खिंचाव करें और उस जादू को महसूस करें। यह आसन आपकी रीढ़ को लचीला बनाता है, पाचन में सुधार करता है और महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राकृतिक रूप से सहारा देता है।"
पादहस्तासन में व्यक्ति खड़े होकर धीरे-धीरे आगे की ओर झुकता है और हाथों से पैरों को छूता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने में सहायक होता है, जिससे पोश्चर में सुधार होता है और कमर दर्द में राहत मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है, जिससे गैस और कब्ज जैसी समस्याएं दूर होती हैं। महिलाओं के लिए यह आसन विशेष रूप से लाभकारी है; खासकर मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं में इससे आराम मिल सकता है।
इस पोस्ट में आयुष मंत्रालय ने इस आसन को करने से पहले कुछ आवश्यक सावधानियों की भी जानकारी साझा की है। बताया गया है कि यदि किसी व्यक्ति को हृदय संबंधी समस्या, गंभीर पीठ दर्द, हर्निया, अल्सर, ग्लूकोमा, मायोपिया या चक्कर आने की समस्या है, तो उसे यह आसन नहीं करना चाहिए।
मंत्रालय ने यह भी सलाह दी है कि योग करते समय हमेशा अपनी क्षमता का ध्यान रखें। जबरदस्ती या जरूरत से ज्यादा खिंचाव शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए हर व्यक्ति को अपनी सुविधा और गति के अनुसार ही योग करना चाहिए।