क्या पैर शरीर का 'आईना' हैं? बीमारी से पहले देते हैं ये संकेत

सारांश
Key Takeaways
- पैर शरीर में स्वास्थ्य समस्याओं के संकेतक होते हैं।
- समय पर संकेतों को समझकर इलाज कराने से बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।
- पैरों में सूजन, दर्द या रंग में बदलाव को कभी भी अनदेखा न करें।
- डीप वेन थ्रॉम्बोसिस गंभीर स्थिति हो सकती है, इसलिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना जरूरी है।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हमारा शरीर एक मशीन की भांति कार्य करता है और जब भी कोई गड़बड़ी होती है, तो यह संकेत देने लगता है। यदि हम इन संकेतों को समय पर समझकर इलाज कराएं, तो हम कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं।
हालांकि, कई बार हम संकेतों को अनदेखा कर देते हैं, जिससे बीमारियों को निमंत्रण मिल जाता है। हमारे पैर विभिन्न प्रकार के संकेत देते हैं, जिन्हें समझना आवश्यक है।
हमारे शरीर में होने वाली किसी भी समस्या के लक्षण हमारे पैरों पर अवश्य प्रकट होते हैं। हमारे पैर हमारे शरीर के भीतर चल रही समस्याओं के बड़े संकेतक हैं, इसलिए पैरों की अनदेखी करना गलत होगा। टखनों में सूजन का पता लगाना कभी-कभी मुश्किल होता है, लेकिन यदि लंबे समय से टखने में सूजन बनी हुई है, तो यह किडनी की समस्या, शरीर में जल एकत्रित होना या थायराइड का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क अवश्य करें।
पिंडलियों में दर्द को लोग सामान्य मानते हैं, लेकिन यह साधारण नहीं है। कई बार यह विटामिन डी की कमी या अत्यधिक थकान का नतीजा हो सकता है, लेकिन यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह क्लॉडिकेशन या पेरिफरल आर्टरी डिजीज का संकेत हो सकती है। इस स्थिति में पैरों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे दर्द उत्पन्न होता है।
इसी प्रकार, हाथ-पैर का ठंडा होना भी एक महत्वपूर्ण बीमारी का संकेत हो सकता है। कभी-कभी रक्तचाप के कम होने से हाथ-पैर ठंडे हो जाते हैं, लेकिन यदि यह बार-बार होता है, तो यह भी पेरिफरल आर्टेरियल डिजीज का संकेत है। जब पैरों की धमनियों में संकुचन होता है या रक्त का प्रवाह कम होता है, तो पैरों में ऐंठन या सूजन आ सकती है। यदि इस समस्या को अनदेखा किया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है और घाव भी हो सकते हैं।
यदि पैर अपने आप गर्म और लाल होने लगे हैं, तो इसे अनदेखा न करें, यह डीप वेन थ्रॉम्बोसिस हो सकता है। इस स्थिति में पैर लाल हो जाते हैं और उनमें जलन या आग जैसा अनुभव होता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि नसों में क्लॉट बनना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।