क्या पेट में बनने वाला अम्ल सेहत के लिए 'अलार्म' है? असंतुलन से बीमारियों का खतरा!

सारांश
Key Takeaways
- पेट का अम्ल पाचन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- अम्ल का संतुलन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- तनाव और खानपान पर ध्यान दें।
- सौंफ और मिश्री का सेवन फायदेमंद हो सकता है।
- हल्का रात का खाना पाचन में मदद करता है।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आप जानते हैं कि हमारे पेट में बनने वाला अम्ल (एसिड) हमारे स्वास्थ्य के लिए एक अलार्म की तरह काम करता है? यह खाद्य पदार्थों को पचाने के लिए आवश्यक है।
आम तौर पर, शरीर में अम्ल का निर्माण हानिकारक हो सकता है, लेकिन पेट में उत्पन्न होने वाला अम्ल वास्तव में स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। यह भोजन को त्वरित गति से पचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन, इस अम्ल का संतुलन अत्यंत आवश्यक है: इसका कम या अधिक बनना, दोनों ही स्थिति में यह हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
पेट में उत्पन्न होने वाला पाचक अम्ल मुख्यतः हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और पेप्सिन का मिश्रण है। यह मिश्रण हमारे लिए एक प्रकार का अलार्म है। जब पेट खाली होता है और भूख लगती है, तो पेट से आने वाली आवाज इस बात का संकेत देती है कि शरीर को भोजन की आवश्यकता है। पेट का अम्ल खाना पचाने, प्रोटीन को तोड़ने, और पोषक तत्वों को अवशोषित करने में सहायता करता है, लेकिन ये सभी क्रियाएँ तभी ठीक से होती हैं जब अम्ल सही मात्रा और समय पर बने।
जब तक पेट की भीतरी म्यूकस लाइनिंग सुरक्षित है, तब तक अम्ल नुकसान नहीं पहुंचाता। लेकिन ज्यादा मसालेदार, खट्टे, और दूषित खाद्य पदार्थों के सेवन से म्यूकस लाइनिंग में टूटन आ सकती है, जिससे पेट में दर्द, जलन, और अल्सर होने का खतरा बढ़ जाता है। इसी कारण विज्ञान और आयुर्वेद में रात का खाना हल्का रखने की सलाह दी गई है। रात में पाचन संबंधी समस्याएँ, जैसे कि हार्टबर्न और एसिडिटी, अधिक होती हैं।
पेट में बनने वाले अम्ल को संतुलित करने के कई उपाय हैं। तनाव और चिंता अम्ल के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। सौंफ और मिश्री का सेवन पाचन के लिए लाभकारी होता है। खाने के बाद टहलने के साथ इनका सेवन करें। लस्सी और अजवाइन भी अम्ल को संतुलित करने में मददगार होती हैं। इसके अलावा, धनिया का पानी, एलोवेरा जूस, और नींबू पानी भी अम्ल को संतुलित करने में सहायक होते हैं।