क्या दही सेहत का खजाना है, लेकिन गलत वक्त पर खाने से बन सकता है बीमारी की वजह?

सारांश
Key Takeaways
- दही सेहत के लिए फायदेमंद है।
- सही समय पर दही का सेवन करें।
- रात में दही से बचें।
- भुना जीरा मिलाने से दही का असर बढ़ता है।
- दही वजन कम करने में सहायक है।
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। हमारे रसोईघर में रोजाना इस्तेमाल होने वाली दही सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित होती है। लेकिन, दही का असली लाभ तभी मिलता है जब इसे सही समय, सही मात्रा और सही तरीके से खाया जाए। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों इस बात पर सहमत हैं कि यदि हम दही के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करें, तो यह सेहत के लिए अमृत के समान है। लेकिन यदि सावधानी न बरती जाए, तो यह शरीर को नुकसान भी पहुँचा सकता है।
आयुर्वेद के अनुसार, दही की प्रकृति ठंडी होती है, जो शरीर में ठंडक लाती है। इसलिए इसे दिन के समय, विशेषकर दोपहर में खाना सबसे लाभकारी माना गया है। दोपहर में हमारी पाचन शक्ति सर्वाधिक होती है और शरीर आसानी से दही के पोषक तत्वों को अवशोषित कर लेता है। इस समय दही खाने से यह पेट को ठंडक, पाचन को सुधारता है और शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करता है। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक आंतों के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं, जिससे कब्ज और अपच जैसी समस्याएँ दूर होती हैं। अगर आप दही में थोड़ा भुना जीरा मिला लें, तो इसका असर और भी बेहतर होता है। यह न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि गैस और अपच जैसी समस्याओं में राहत भी देता है।
यदि आप रोजाना एक बार दही खाने की आदत डाल लें, तो यह शरीर की कई समस्याओं से निजात दिला सकती है। यह शरीर को ठंडा रखता है, हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और त्वचा को भी लाभ पहुँचाता है। यहाँ तक कि बालों में लगाने पर दही रूसी को कम करने में मदद करता है। दही में मौजूद कैल्शियम और प्रोटीन हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं। साथ ही, यह वजन कम करने में भी सहायक होता है, क्योंकि यह पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और ओवरईटिंग से बचाता है।
हालांकि, दही के सेवन के कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ भी हैं, जिन्हें अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। सबसे पहले, रात में दही का सेवन नहीं करना चाहिए। इसका कारण यह है कि रात के समय शरीर का तापमान कम होता है और दही की ठंडी तासीर शरीर में कफ को बढ़ा सकती है। इससे सर्दी, खांसी और साइनस जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। विशेष रूप से ठंड के मौसम में या यदि किसी को पहले से ही सांस या सर्दी की समस्या है, तो उसे रात में दही से बचना चाहिए।