क्या शरीर की जकड़न और थकान दूर करने के लिए अपनाएं ये आसान योगासन?
सारांश
Key Takeaways
- योगासन से थकान और जकड़न में राहत मिलती है।
- ये आसन शारीरिक लचीलापन बढ़ाने में मदद करते हैं।
- मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होते हैं।
- पाचन तंत्र को सक्रिय करते हैं।
- ऊर्जा का संचार करते हैं।
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आज की तेज रफ्तार जीवनशैली में सुबह उठते ही शरीर में अकड़न और थकान का अनुभव होना सामान्य है। लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल के सामने रहना, रात को पर्याप्त नींद न लेना और अनियमित खान-पान जैसे मुद्दे हमारी सेहत पर नकारात्मक असर डालते हैं। इस स्थिति में योगासन को अपने दैनिक जीवन में शामिल करना अत्यंत आवश्यक हो गया है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, योग सिर्फ एक व्यायाम नहीं है; यह एक सम्पूर्ण जीवनशैली है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित बनाए रखता है। योग के नियमित अभ्यास से न केवल मांसपेशियां लचीली और मजबूत होती हैं, बल्कि पाचन, दिल और फेफड़े जैसे अंग भी स्वस्थ रहते हैं। इसके अतिरिक्त, यह मानसिक तनाव को भी कम करता है।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, योगासन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह मसल्स स्ट्रेचिंग और जॉइंट मूवमेंट को बेहतर बनाने में सहायक है।
पर्वतासन: इस आसन में शरीर को सीधे और स्थिर बनाए रखने की प्रक्रिया मांसपेशियों में स्ट्रेचिंग और रीढ़ की हड्डी की लचीलापन बढ़ाती है। जब हम हाथों को ऊपर उठाते हैं, तो कंधों और बाजुओं की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। यह खिंचाव रक्त संचार को सुधारता है और मांसपेशियों की जकड़न को दूर करता है। इस प्रक्रिया से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और दिनभर थकान कम रहती है।
शलभासन: यह आसन एक अलग तरीके से शरीर को लाभ पहुंचाता है। इसमें पीठ के बल लेटकर पैरों को ऊपर उठाने से रीढ़ और कमर की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं। जब पैरों को ऊपर उठाया जाता है, तो यह पेट और कमर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। इससे रीढ़ की हड्डी भी लचीली बनती है और लंबे समय तक बैठने या काम करने के कारण होने वाली थकान और दर्द में राहत मिलती है। इसके साथ ही, यह प्रक्रिया रक्त संचार को बढ़ाती है और हृदय को भी स्वस्थ रखती है।
नौकासन: इस आसन में शरीर का संतुलन और शक्ति बढ़ाने पर जोर दिया जाता है। जब हम हाथों और पैरों को एक साथ ऊपर उठाते हैं और शरीर को छाती से उठाते हैं, तो पेट की मांसपेशियों और सीने के आसपास मांसपेशियों में खिंचाव होता है। यह प्रक्रिया पाचन तंत्र को सक्रिय करती है और शरीर में ऊर्जा का संचार करती है। नौकासन से शरीर का संतुलन बेहतर होता है, और लंबे समय तक खड़े रहने या चलने में आसानी होती है।