क्या आप जानते हैं सिकल सेल एनीमिया क्या है और कैसे इससे बचा जा सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- समझें सिकल सेल एनीमिया के लक्षण और सावधानियां।
- नियमित जांच से बीमारी का समय पर पता लगाएं।
- संतुलित आहार और पानी का सेवन करें।
- डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां लें।
- परिवार के सभी सदस्यों की स्क्रीनिंग कराएं।
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। हर साल 19 जून को ‘विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस’ मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को सिकल सेल एनीमिया नामक बीमारी से अवगत कराना है। यह एक जेनेटिक ब्लड डिसऑर्डर है, जो सीधे हमारे रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) को प्रभावित करता है। इस बीमारी में शरीर में आरबीसी की संख्या में कमी आती है, जिससे शरीर के अंगों तक उचित मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती। इसके परिणामस्वरूप थकान, दर्द और कमजोरी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यदि समय पर इसका उपचार नहीं किया गया, तो यह बीमारी गंभीर हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र की 22 दिसंबर 2008 को हुई बैठक में इसे एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या माना गया और सभी देशों को हर वर्ष 19 जून को सिकल सेल बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया। इस दिन का उद्देश्य है कि अधिक से अधिक लोग इस बीमारी को समझें और इससे बचाव के उपायों के बारे में जानें।
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने सिकल सेल एनीमिया को समाप्त करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत लोगों को यह बताया जा रहा है कि इस बीमारी को थोड़ी सी सावधानी और सही जीवनशैली के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें समय पर जांच, डॉक्टर की सलाह से दवाइयों का सेवन, साफ-सुथरा और पौष्टिक आहार, और पर्याप्त पानी पीना अत्यंत आवश्यक है। इसके साथ ही, शादी से पहले और गर्भावस्था के दौरान सिकल सेल की जांच कराना भी लाभकारी होता है। यदि हम इन बातों का ध्यान रखें, तो सिकल सेल एनीमिया से अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं।
इस बीमारी से बचाव और नियंत्रण के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां अपनाना आवश्यक है। सबसे पहले, अधिक से अधिक पानी और तरल पदार्थ लेना चाहिए ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे। डॉक्टर की सलाह से नियमित दवाइयां लेना बीमारी को नियंत्रित करने में मदद करता है। परिवार के सभी सदस्यों की सिकल सेल की स्क्रीनिंग कराना भी आवश्यक है, जिससे समय पर बीमारी का पता चल सके। समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहना और लक्षणों पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। इसके अलावा, शादी से पहले भावी वर-वधू को सिकल सेल की जांच करानी चाहिए, जिससे भविष्य में होने वाले बच्चे को कोई खतरा न हो। गर्भवती महिलाओं को भी सिकल सेल की जांच करवानी चाहिए, जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत को ध्यान में रखा जा सके। इन सभी बातों को अपनाकर हम सिकल सेल एनीमिया से खुद और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
सिकल सेल एनीमिया से प्रभावित व्यक्तियों को कुछ विशेष बातों से परहेज करना चाहिए। सबसे पहले, डिब्बा बंद, प्रोसेस्ड फूड और अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। ये चीजें शरीर के लिए हानिकारक हो सकती हैं। बिना चिकित्सक के परामर्श के दवाइयां कभी बंद न करें और हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें। अगर शरीर में किसी प्रकार के लक्षण दिखाई दें, तो उन्हें नजरअंदाज न करें और तुरंत जांच कराएं। अधिक मेहनत वाले काम और भारी व्यायाम से भी बचें, क्योंकि ऐसा करने से थकान और दर्द बढ़ सकता है। कड़ी गर्मी या ठंड में बाहर जाने से परहेज करें, क्योंकि दोनों ही स्थितियां शरीर पर असर डाल सकती हैं। साथ ही, तंबाकू, गुटखा, शराब और धूम्रपान जैसी नशीली चीजों से पूरी तरह दूरी बनाएं, क्योंकि ये स्वास्थ्य को और भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।