क्या सुबह बासी मुंह 'सर्व रोग निवारिणी' और 'विष्णुप्रिया' का सेवन करना फायदेमंद है?

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क्या सुबह बासी मुंह 'सर्व रोग निवारिणी' और 'विष्णुप्रिया' का सेवन करना फायदेमंद है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि सुबह खाली पेट कुछ विशेष पत्तियों का सेवन आपकी सेहत में कैसे सुधार कर सकता है? जानिए, नीम, तुलसी, मीठी नीम और अजवाइन के पत्तों के अद्भुत गुण और उनके लाभ।

Key Takeaways

  • नीम: प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
  • तुलसी: पाचन में सुधार करता है।
  • मीठी नीम: पेट की सफाई में सहायता करता है।
  • अजवाइन: मुँह की ताजगी बढ़ाता है।
  • प्राकृतिक चिकित्सा: स्वास्थ्य के लिए लाभकारी।

नई दिल्ली, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में हम अपनी सेहत की देखभाल नहीं कर पा रहे हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारी इम्यूनिटी, पाचन और त्वचा पर पड़ता है। ऐसे में आयुर्वेद और प्राचीन चिकित्सा पद्धतियाँ कई नुस्खे सुझाती हैं, जिनका पालन करके हम छोटी-मोटी समस्याओं से तुरंत राहत पा सकते हैं। कुछ विशेष पत्तियाँ हैं जिन्हें सुबह-सुबह खाली पेट चबाने से तात्कालिक लाभ मिलता है।

सुबह बासी मुंह नीम, तुलसी, मीठा नीम और अजवाइन के पत्ते चबाने की सलाह दी जाती है, जो कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

सुश्रुत संहिता में नीम को 'सर्व रोग निवारिणी' कहा गया है। आयुर्वेद के अनुसार, नीम में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाने में सहायक होते हैं। प्रतिदिन सुबह 3-4 नीम की कोमल पत्तियों को चबाने से पेट से जुड़ी परेशानियों में राहत मिलती है। नीम की पत्तियाँ त्वचा को अंदर से डिटॉक्स करती हैं, जिससे शरीर से सभी टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं और त्वचा भी स्वस्थ बनती है। पिंपल्स से परेशान लोग अपनी डेली रूटीन में नीम की पत्तियों को शामिल कर सकते हैं।

चरक संहिता में तुलसी को 'विष्णु प्रिया'पाचन में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और सांस संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है। हालांकि, कुछ व्यक्तियों को इसके पत्तों को चबाने से बचना चाहिए, विशेषकर जिन्हें पेट में अल्सर या एसिडिटी की समस्याएँ हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, मीठी नीम यानी करी पत्ते में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो पेट को साफ करने में मदद करते हैं। सुबह खाली पेट इसे चबाने से पाचक एंजाइम सक्रिय होते हैं, जिससे भोजन का पाचन बेहतर होता है और गैस, कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। यह भूख को भी नियंत्रित करता है।

अजवाइन के पत्तों को प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर कहा जाता है, क्योंकि इसमें थाइमोल पाया जाता है। यह तत्व अपने एंटी-बैक्टीरियल गुणों के लिए जाना जाता है, जो मुँह में बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है। सुबह बासी मुंह अजवाइन चबाने से सांसों में ताजगी आती है और मसूड़ों को भी लाभ मिलता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आयुर्वेद में निहित ज्ञान और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियाँ आज के समय में अधिक प्रासंगिक हो रही हैं। हमें अपनी सेहत की देखभाल के लिए इन सरल उपायों को अपनाना चाहिए।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

सुबह बासी मुंह नीम के पत्ते क्यों खाने चाहिए?
नीम के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
तुलसी के पत्तों के क्या लाभ हैं?
तुलसी के पत्ते पाचन में सुधार करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
क्या मीठी नीम का सेवन करना सुरक्षित है?
हाँ, मीठी नीम का सेवन पेट को साफ करने में मदद करता है।
अजवाइन के पत्तों के क्या फायदे हैं?
अजवाइन के पत्ते माउथ फ्रेशनर के रूप में काम करते हैं और बैक्टीरिया को खत्म करते हैं।
क्या सुबह बासी मुंह पत्ते चबाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है?
जी हाँ, सुबह बासी मुंह पत्ते चबाने से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।