क्या आप जानते हैं विश्व स्ट्रोक दिवस 2025 पर ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए जीवनशैली में कैसे बदलाव करें?
सारांश
Key Takeaways
- स्ट्रोक से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है।
- योग और प्राणायाम मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
- ओमेगा-3 का सेवन मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है।
- नींद पूरी होने से शरीर को रिकवरी में मदद मिलती है।
- धूम्रपान और शराब से बचना चाहिए।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। देश में मस्तिष्क संबंधी बीमारियाँ हर आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर रही हैं। तनाव और खराब जीवनशैली के कारण ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
आज विश्व स्ट्रोक दिवस 2025 है। इस अवसर पर हम आपको स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए कुछ प्रभावी उपाय और आसनों के बारे में बताएंगे, जो शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।
ब्रेन स्ट्रोक वह स्थिति है जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह रुक जाता है, जिससे रक्त और ऑक्सीजन मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाते। इसके अलावा, मस्तिष्क की नसों का फटना भी एक गंभीर स्थिति है, जिसमें रक्त फैलता है या नसें दब जाती हैं। इन्हें इस्कीमिक स्ट्रोक और हेमरेजिक स्ट्रोक कहा जाता है।
इस्कीमिक स्ट्रोक आमतौर पर जानलेवा नहीं होता, लेकिन हेमरेजिक स्ट्रोक के मामले में स्थिति गंभीर हो सकती है। समय पर इलाज न मिलने पर रोगी की स्थिति गंभीर हो जाती है।
इसलिए मस्तिष्क पर दबाव को कम करने और ऑक्सीजन के प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। इसके लिए योग और प्राणायाम का अभ्यास किया जा सकता है। सुबह और शाम भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, कपालभाति प्राणायाम और भुजंग आसन का अभ्यास किया जा सकता है। ये सभी आसन मस्तिष्क तक उचित ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करेंगे और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाएंगे।
मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड बेहद जरूरी है, जो मुख्यतः समुद्री जीवों में पाया जाता है। हालांकि, अखरोट में भी ओमेगा-3 होता है, जो याददाश्त में सुधार और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में सहायक होता है।
नींद का पूरा होना भी अत्यंत आवश्यक है। जब नींद पूरी होती है, तो शरीर बेहतर तरीके से रिकवर करता है। इसके अलावा, शराब, धूम्रपान और कॉफी के सेवन से भी बचना चाहिए।