क्या आप इन 5 आसान आसनों से योगासन की शुरुआत कर सकते हैं?

सारांश
Key Takeaways
- योगासन एक जीवनशैली है, न कि केवल व्यायाम।
- शुरुआती लोगों के लिए 5 आसान आसन हैं।
- योग से शांति और एकाग्रता में वृद्धि होती है।
- योगासन से थकान और दर्द में राहत मिलती है।
- योग का नियमित अभ्यास तनाव को कम करता है।
नई दिल्ली, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। योगासन केवल एक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है। इसके अभ्यास से न केवल शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि मन भी शांति पाता है। योग की शुरुआत भारत में हजारों साल पहले हुई थी, जब लोग अपनी स्वास्थ्य और ध्यान के लिए योग का सहारा लेते थे। आज के तनावपूर्ण जीवन में, योग फिर से हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है। योग में कई प्रकार के आसन होते हैं, लेकिन कुछ ऐसे हैं जो शुरुआती लोगों के लिए उपयुक्त हैं। ये आसन शरीर को योगासन के अभ्यास के लिए तैयार करते हैं। यदि आप भी योग की शुरुआत करना चाहते हैं, तो इन 5 आसान आसनों से शुरुआत कर सकते हैं।
अधोमुख श्वानासन: इस आसन में शरीर उल्टे 'वी' आकार में होता है। यह आसन पीठ, हाथ और पैरों को मजबूत बनाता है। इससे शरीर में खिंचाव आता है और थकान दूर होती है। इसके अतिरिक्त, यह चिंता और अनिद्रा जैसी समस्याओं में भी राहत प्रदान करता है। योगासन प्रारंभ करने वालों के लिए यह आसन अत्यंत लाभकारी है।
वृक्षासन: यह एक ऐसा आसन है जिससे शरीर का संतुलन स्थापित करना सिखाया जाता है। इसे करते समय एक पैर पर खड़ा होना होता है और दूसरा पैर जांघ पर रखा जाता है। दोनों हाथों को सिर के ऊपर जोड़कर नमस्ते की मुद्रा बनाई जाती है। यह आसन एकाग्रता बढ़ाता है और मन को शांति देता है। बच्चों के लिए यह आसन बहुत लाभकारी है क्योंकि इससे उनका फोकस बढ़ता है।
पश्चिमोत्तानासन: यह आसन बैठकर किया जाता है और शरीर को आगे की ओर झुकाया जाता है। यह पीठ, जांघ और पैरों में खिंचाव लाता है और पाचन तंत्र को भी मजबूत करता है। जो लोग लंबे समय तक कुर्सी पर बैठे रहते हैं, उनके लिए यह आसन लाभकारी हो सकता है। इससे पीठ दर्द में भी राहत मिलती है।
सेतु बंधासन: यह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है। इसमें शरीर को ऊपर उठाया जाता है जिससे एक पुल जैसा आकार बनता है। यह आसन छाती और रीढ़ की हड्डी को खोलता है। इससे थकान और सिरदर्द में राहत मिलती है। यह आसन खासकर उन लोगों के लिए अच्छा है जो दिनभर थकान महसूस करते हैं।
बालासन: बालासन का अर्थ है 'बच्चे की मुद्रा'... यह एक आरामदायक आसन है। इसे किसी भी योग अभ्यास के बाद किया जा सकता है। यह पीठ, कंधे और गर्दन को आराम देता है। जब शरीर थका हो, तो यह आसन तुरंत राहत प्रदान करता है। इसे करते समय मन भी शांत होता है और ध्यान लगाना आसान हो जाता है।