क्या ब्रुसेल्स में ईयू की बैठक में रूसी संपत्तियों के फ्रीज पर फैसला होगा? क्या यूक्रेन को मिलेगी मदद?
सारांश
Key Takeaways
- रूसी संपत्तियों का फ्रीज यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण है।
- यूरोपीय संघ की सहायता से यूक्रेन को मजबूत बनाना होगा।
- डच वित्त मंत्री ने बेल्जियम की चिंताओं का ध्यान रखने की आवश्यकता बताई।
- जेलेंस्की ने धन की आवश्यकता को उजागर किया।
- बेल्जियम के प्रधानमंत्री ने संपत्तियों को डीफ्रीज करने के लिए शर्तें रखी हैं।
ब्रुसेल्स/ नई दिल्ली, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूरोपीय संघ के वित्त मंत्री आज बेल्जियम के शहर ब्रुसेल्स में एक महत्वपूर्ण बैठक के लिए एकत्रित हुए हैं। इस बैठक में यूक्रेन के लिए वित्तीय सहायता के मुद्दे पर चर्चा हो रही है, जिसमें प्रमुख मुद्दा रूसी संपत्तियों को फ्रीज करना और उन्हें यूक्रेन को उपलब्ध कराना है। यूरोपीय संघ चाहता है कि ये संपत्तियाँ यूक्रेन को क्षतिपूर्ति ऋण के रूप में दी जाएं, ताकि अगर भविष्य में रूस से युद्ध मुआवजा प्राप्त होता है, तो इसे चुकाया जा सके।
यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने सभा में कहा कि रूसी संपत्तियों का उपयोग करना "यूक्रेन के अस्तित्व को बनाए रखने का सबसे प्रभावी तरीका" होगा।
डच वित्त मंत्री इल्को हेइनन के अनुसार, यूरोपीय संघ को यूक्रेन की सहायता के लिए रूस की जब्त संपत्तियों के इस्तेमाल पर बेल्जियम की चिंताओं का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि यूरोपीय संघ कीव को समर्थन देने में निरंतरता बनाए रखे।
उन्होंने कहा, "हमें यूक्रेन का समर्थन करना आवश्यक है ताकि रूस के आक्रमण का सामना किया जा सके।"
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने भी इस मामले पर अपनी राय दी और यूरोपीय संघ के नेताओं से कहा कि यदि यह धन किसी भी रूप में प्राप्त होता है, तो यह रूस के लिए "बहुत बड़ा नुकसान" साबित होगा।
जेलेंस्की ने कहा, "यदि हमें ये 140-160 अरब यूरो मिलते हैं, तो यह पुतिन और उनके सहयोगियों के लिए एक बड़ा झटका होगा।"
वास्तव में, यूरोपीय संघ चाहता है कि रूस की फ्रीज संपत्तियों का उपयोग यूक्रेन की युद्ध सहायता के लिए किया जाए, जो कि 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद फ्रीज की गई थीं। इनमें से अधिकांश संपत्तियाँ बेल्जियम के यूरोक्लियर में स्थित हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा क्लियरिंग हाउस है।
चूंकि रूस की जब्त संपत्तियाँ बेल्जियम में हैं, इसलिए बेल्जियम के प्रधानमंत्री ने संपत्तियों को डीफ्रीज करने के लिए तीन शर्तें रखी हैं। उनकी मांग है कि यदि रूस कानूनी कार्रवाई करता है, तो अन्य यूरोपीय देशों को भी खर्च उठाना चाहिए, और अगर पैसा लौटाना पड़ा तो अन्य देशों को भी सहायता देनी चाहिए। उनकी तीसरी शर्त यह है कि अन्य देशों में जब्त की गई रूसी संपत्तियों को भी इस योजना में शामिल किया जाए।