क्या अमेरिका में नई इमिग्रेशन नीति के तहत प्रतिबंधित देशों के लोगों के लिए ग्रीन कार्ड प्राप्त करना 'मुश्किल' होगा?
सारांश
Key Takeaways
- नई इमिग्रेशन नीति से ग्रीन कार्ड प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
- ट्रंप प्रशासन ने यात्रा प्रतिबंधित देशों के लिए सख्त कदम उठाने की योजना बनाई है।
- कानूनी आव्रजन पर नागरिक अधिकार समूहों की प्रतिक्रियाएँ महत्वपूर्ण होंगी।
- यह नीति अमेरिकी नागरिकता आवेदनों को प्रभावित नहीं करेगी।
- 12 देशों पर पहले से ही यात्रा प्रतिबंध लागू हैं।
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका अपनी इमिग्रेशन नीति में महत्वपूर्ण बदलाव करने की योजना बना रहा है। इस संदर्भ में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख में सख्ती देखने को मिल रही है। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नई आव्रजन नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसमें ट्रंप प्रशासन द्वारा लागू यात्रा प्रतिबंध के चलते ग्रीन कार्ड और अन्य लाभों को लेकर कुछ कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की जानकारी के अनुसार, होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) के आंतरिक मसौदों में यूएससीआईएस अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा कि वे ग्रीन कार्ड, शेल्टर, पैरोल और अन्य आव्रजन लाभों के लिए आवेदनों का मूल्यांकन करते समय यात्रा-प्रतिबंधित देशों से आने वाले व्यक्तियों की राष्ट्रीयता को नकारात्मक कारक मानें।
इसका अर्थ यह है कि अमेरिका द्वारा यात्रा प्रतिबंधित देशों के नागरिकों के लिए ग्रीन कार्ड के लाभ को सीमित किया जाएगा। हालांकि, यह परिवर्तन अमेरिकी नागरिकता के आवेदनों पर लागू नहीं होगा। वर्तमान में, यूएससीआईएस सामुदायिक संबंधों, आपराधिक इतिहास और मानवीय जरूरतों पर विचार करता है।
इस वर्ष जून में अमेरिका ने 12 देशों पर ट्रैवल बैन लगाया था, जिनमें अफगानिस्तान, चाड, रिपब्लिक ऑफ कांगो, इक्वेटोरियल गिनी, इरीट्रिया, हैती, ईरान, लीबिया, म्यांमार, सोमालिया, सूडान और यमन शामिल हैं।
अमेरिका ने इसके अलावा सात अन्य देशों - बुरुंडी, क्यूबा, लाओस, सिएरा लियोन, तोगो, तुर्कमेनिस्तान और वेनेजुएला पर आंशिक प्रतिबंध लगा रखा है। इन देशों के नागरिक अमेरिका में स्थायी रूप से प्रवेश नहीं कर सकते या कुछ विशिष्ट वीजा प्राप्त नहीं कर सकते।
हालांकि, नई इमिग्रेशन नीति की आधिकारिक घोषणा अभी नहीं की गई है, लेकिन यदि ऐसा होता है, तो प्रतिबंधित देशों के लिए ग्रीन कार्ड पाना कठिन हो जाएगा।
यह नीति कानूनी आव्रजन के मामले में ट्रंप की कार्रवाई में एक बड़ी तेजी लाएगी, जिसके कारण नागरिक अधिकार समूहों द्वारा नई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।