क्या अमेरिका के ऊर्जा सचिव ने भारत को ‘शानदार सहयोगी’ बताया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत का ऊर्जा बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
- अमेरिका भारत के साथ सहयोग बढ़ाने को इच्छुक है।
- ऊर्जा व्यापार में दोनों देशों के हित जुड़े हुए हैं।
वॉशिंगटन/न्यूयॉर्क, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी ऊर्जा सचिव क्रिस राइट ने बुधवार को भारत की प्रशंसा करते हुए उसे अमेरिका का “शानदार सहयोगी” करार दिया और कहा कि वह भारत के “बड़े प्रशंसक” हैं। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा सहयोग को और गहरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
न्यूयॉर्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, राइट ने भारत को “तेजी से बढ़ती ऊर्जा मांग वाला, गतिशील समाज” बताया। उन्होंने कहा, “जब मैंने अपना पद संभाला तो मेरा काफी समय भारत के साथ काम करने में बीता। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, अमेरिका का शानदार सहयोगी है, तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था है और एक जीवंत समाज है, जहां समृद्धि और अवसर बढ़ने के साथ ऊर्जा की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। मैं भारत का बड़ा प्रशंसक हूं। हम भारत से प्रेम करते हैं।”
यह बयान उस समय आया है जब मंगलवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी भारत-अमेरिका ऊर्जा व्यापार को विस्तार देने की अपील की थी। न्यूयॉर्क में आयोजित एक ऊर्जा सुरक्षा कार्यक्रम में गोयल ने परमाणु ऊर्जा को सस्ती स्वच्छ ऊर्जा विकल्प के रूप में सहयोग बढ़ाने और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहन देने पर जोर दिया।
राइट ने भारत के रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर “तनाव” का उल्लेख किया और कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस युद्ध को समाप्त करने के लिए अपने प्रभाव और साधनों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि यह युद्ध खत्म हो। मुझे विश्वास है कि भारतीय भी यही चाहते हैं।”
ऊर्जा सचिव ने स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत के साथ प्राकृतिक गैस, कोयला, परमाणु ऊर्जा, स्वच्छ कुकिंग फ्यूल और तरल पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना चाहता है। उन्होंने कहा, “भारत ने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। हम भारत के साथ और अधिक ऊर्जा व्यापार व सहयोग चाहते हैं।”
इस बीच, मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन भारत पर रूस से तेल खरीद को लेकर लगाए गए अतिरिक्त २५ प्रतिशत टैरिफ को “सुधारने” के लिए तैयार हो सकता है। एनबीसी न्यूज को दिए साक्षात्कार में रूबियो ने कहा, “हमने भारत पर जो अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं, वह एक करीबी साझेदार है। हमें उम्मीद है कि इसे ठीक किया जा सकता है।”
एबीसी न्यूज से बातचीत में उन्होंने भारत को अमेरिका का “बहुत करीबी साझेदार” बताया। वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को रूबियो से मुलाकात की। बैठक के बाद रूबियो ने कहा कि भारत उनके देश के लिए “अत्यंत महत्वपूर्ण” है और व्यापार वार्ताओं का स्वागत किया।
जयशंकर ने भी एक्स पर पोस्ट किया, “हमारी बातचीत में कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। प्राथमिक क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर संवाद की आवश्यकता पर सहमति बनी।”