क्या बांग्लादेश में बाउल कलाकार की गिरफ्तारी ने मानवाधिकारों पर सवाल खड़ा किया?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में बाउल कलाकार की गिरफ्तारी को लेकर मानवाधिकार संगठनों ने विरोध किया है।
- गैर-कानूनी तरीके से गिरफ्तारी पर अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने निंदा की है।
- इस्लामी कट्टरपंथियों द्वारा हिंसक हमले की घटना हुई है।
- सरकार को सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
पेरिस, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में बाउल कलाकार अबुल सरकार की गैर-कानूनी गिरफ्तारी को लेकर एक बड़ा हंगामा खड़ा हो गया है। अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने अबुल सरकार की “गैर-कानूनी गिरफ्तारी” की कड़ी निंदा की है। उन पर 'धार्मिक बदनामी' का आरोप लगाया गया है, जिसे मानवाधिकार संगठन ने झूठा और मनगढ़ंत बताया।
इस संदर्भ में मानवाधिकार संगठन ने एक बयान जारी किया है। इसके साथ ही, जस्टिस मेकर्स बांग्लादेश इन फ्रांस (जेएमबीएफ) ने रविवार को मानिकगंज जिले में एक मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया और सरकार से बाउल कलाकार की बिना शर्त रिहाई की मांग की।
इस दौरान, 'तौहीदी जनता' नामक एक इस्लामी कट्टरपंथी समूह के हिंसक हमले की मानवाधिकार संगठन ने कड़ी निंदा की। जेएमबीएफ ने स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बताया कि इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले में बाउल संगीत सुनने वाले तीन लोग, अब्दुल अलीम, जोहुरुल और अरिफुल इस्लाम, गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
मानवाधिकार संगठन ने कहा, “हमलावर कानून लागू होने के बावजूद भी बिना किसी सजा के ऐसी हिंसा कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि सरकार सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं और शांति पसंद नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने में पूरी तरह विफल रही है। यह स्थिति बहुत चिंताजनक है।”
जेएमबीएफ के अनुसार, 19 नवंबर की रात को, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) ने अबुल सरकार को बांग्लादेश के मदारीपुर जिले में एक संगीत कार्यक्रम से हिरासत में लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप एक “तोड़-मरोड़कर पेश किए गए, गुमराह करने वाले और जानबूझकर एडिट किए गए वीडियो पर आधारित हैं, जिसे सोशल मीडिया पर फैलाया गया था।”
चश्मदीदों और साथी कलाकारों का हवाला देते हुए, मानवाधिकार संगठन ने कहा कि एडिट किए गए वीडियो में अबुल सरकार के असली बयान को पूरी तरह से गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
जेएमबीएफ ने कहा कि इसके बावजूद उन्हें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। सरकार की यह गिरफ्तारी बांग्लादेश में कलाकारों और मानवाधिकार का समर्थन करने वाले लोगों के खिलाफ कानून के गलत इस्तेमाल के बढ़ते चिंताजनक पैटर्न को दर्शाती है।
जेएमबीएफ के फाउंडर प्रेसिडेंट और जाने-माने मानवाधिकार के वकील, शाहनूर इस्लाम ने कहा, “मुहम्मद यूनुस की लीडरशिप वाली मौजूदा अंतरिम सरकार की चुप्पी के कारण, पूरे बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथी समूहों के बढ़ने से कला, साहित्य और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं पर बार-बार हमले और ज़ुल्म हो रहे हैं। यह अत्यंत चिंताजनक है।”
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि इन घटनाओं के बारे में पूरी तरह से पता होने के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय लगातार चुप्पी साधे हुए है। ऐसी चुप्पी मंजूर नहीं है। इसलिए, हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन मानवाधिकारों के उल्लंघनों को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने की अपील करते हैं।”
जेएमबीएफ ने सरकार से तुरंत बिना शर्त रिहाई और उनके खिलाफ दर्ज केस वापस लेने की मांग की है। इसमें बांग्लादेश में धार्मिक बदनामी या धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाले कानूनों के गलत इस्तेमाल को रोकने और उससे निपटने के लिए रेगुलर इंटरनेशनल मॉनिटरिंग की भी मांग की गई है। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, अल्पसंख्यक समुदायों, कलाकारों और शांतिपूर्ण सभाओं में हिस्सा लेने वालों की सुरक्षा और बचाव सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है।