क्या बांग्लादेश को अस्थिर करने के लिए हो रही है मची होड़?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में विदेशी प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
- पाकिस्तान और चीन का स्पष्ट हस्तक्षेप है।
- भारत की बड़ी भाई की भूमिका महत्वपूर्ण है।
- आतंकी साजिशों का बढ़ता खतरा।
- राजनयिक छूट का महत्व।
नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में चल रही उथल-पुथल और उसे प्रभावित करने की कोशिशों पर विदेश मामलों की विशेषज्ञ एवं विश्वामित्र रिसर्च फाउंडेशन की संस्थापक प्रियम गांधी-मोदी ने कहा कि भारत के पड़ोस में कोई अच्छे मित्र नहीं हैं। बांग्लादेश में भी चीन, पाकिस्तान और भारत का प्रभाव है। ऐसे में भारत को अस्थिर करने के लिए बांग्लादेश पर नियंत्रण पाने की खुदाई मची हुई है।
प्रियम गांधी-मोदी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश की नई सरकार के काफी नजदीक है। अमेरिका उनकी मदद कर रहा है, क्योंकि वहां की मौजूदा सरकार अमेरिकी सहयोग से ही अस्तित्व में आई है, जो कि चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि जेन-जी प्रोटेस्ट के पीछे एक डीप स्टेट ग्लोबल नेटवर्क है, जो अस्थिरता फैलाने का काम करता है। भारत तो सबका साथ, सबका विकास की बात करता है और बड़े भाई की भूमिका निभाता रहा है। भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ भी इसी तरह की भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हाल ही में लाल किला के पास हुए आतंकी हमले में कई विस्फोटक बरामद हुए, जिसमें पाकिस्तान और बांग्लादेश का लिंक सामने आया है। भले ही हम बड़े भाई की भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन वहां से जो आतंकी साजिशें की जा रही हैं, हमारे देश में स्लीपर सेल बनाए जा रहे हैं, यह सचमुच चिंता का विषय है और एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।
प्रियम गांधी-मोदी ने कहा कि कोई भी देश किसी पूर्व प्रधानमंत्री को इस तरह की राजनयिक छूट नहीं दे सकता, इसलिए बांग्लादेश के संदर्भ में मेरा मानना है कि बांग्लादेश का पूर्वी पाकिस्तान जैसे राज्य में परिवर्तन अब पूरा हो चुका है।