क्या बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ गए हैं? अवामी लीग ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की

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क्या बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ गए हैं? अवामी लीग ने यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की

सारांश

क्या बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं? अवामी लीग ने यूनुस के शासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जानिए इस मुद्दे की गहराई और बांग्लादेश के वर्तमान हालात के बारे में।

Key Takeaways

  • अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न बढ़ रहा है।
  • यूनुस के शासन में 2,442 हमले हुए हैं।
  • अवामी लीग ने सरकार का समर्थन न करने का आरोप लगाया।
  • धार्मिक सफाए का समन्वित अभियान चल रहा है।
  • बांग्लादेश अब कब्रगाह बनता जा रहा है।

ढाका, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की कड़ी आलोचना की है और पिछले एक साल में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

पार्टी ने बताया कि यूनुस के शासन में अल्पसंख्यकों पर 2,442 से ज्यादा हमले दर्ज किए गए हैं। इन घटनाओं को सरकार ने या तो नजरअंदाज किया या समर्थन दिया है।

अवामी लीग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "5 अगस्त, 2024 कोई निर्णायक मोड़ नहीं था। यह एक हरी झंडी थी। सिर्फ 16 दिनों में पूरे देश में हिंसा फैल गई। लेकिन, दुनिया अब भी यूनुस की सराहना करती है। 1971 का नरसंहार हमारा आखिरी नरसंहार माना जा रहा था। लेकिन यूनुस के शासन में, यह फिर से लौट आया है।"

पार्टी ने सवाल किया कि क्या बांग्लादेश अब भी वही देश है या यह 'छिपा हुआ तालिबानी राज्य' बन गया है।

पार्टी ने कहा, "अगस्त 2024 से अगस्त 2025 तक, बांग्लादेश में जो कुछ हुआ है, वह 1971 में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अत्याचारों से भी बढ़कर है। यूनुस शासन के प्रत्यक्ष संरक्षण में, देश भर में अल्पसंख्यक समुदायों के धार्मिक सफाए, जातीय उत्पीड़न और सुनियोजित नरसंहार का एक समन्वित अभियान चलाया गया है।"

देश के कई जिलों में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर पार्टी ने कहा, "बारिशाल में एक हिंदू परिवार को पीटा गया और जान से मारने की धमकियां दी गईं। हबीगंज में एक कॉलेज छात्रा मोनप्रिया सरकार लापता हो गई। कमिला में एक हिंदू महिला के साथ उसके घर में सामूहिक बलात्कार किया गया। इसके अलावा, खिलखेत में सरकारी बलों ने एक दुर्गा मंदिर को बुलडोजर से गिरा दिया, जबकि ठाकुरगांव क्षेत्र में मूर्तियों को तोड़ा गया, मंदिरों को जला दिया गया और समुदाय को निर्वासित होने के लिए मजबूर किया गया।"

अवामी लीग ने कहा, "मदरसे नफरत सिखाते हैं, सेना के अधिकारी हिंदू मंत्रों का मजाक उड़ाते हैं। मंदिर कब्र और आस्था अब युद्ध का मैदान बन गई है।"

पार्टी ने आगे कहा कि बांग्लादेश अपने अल्पसंख्यकों के लिए कब्रगाह बन गया है और पिछले साल, जो अशांति के रूप में शुरू हुआ था, वह अब संगठित धार्मिक सफाए में बदल गया है।

अवामी लीग ने कहा, "यूनुस सरकार के शासन ने एक क्रूर, सांप्रदायिक राज्य का उदय किया है। यहां अल्पसंख्यक होना अपराध है। धार्मिक पहचान ही आतंक पैदा करती है। पिछले एक साल में, अल्पसंख्यकों को सुनियोजित और निरंतर आतंक का सामना करना पड़ा है। कट्टरपंथियों ने मंदिरों पर हमले किए, महिलाओं के साथ बलात्कार किया, लड़कियों का अपहरण किया, घरों को जलाया इस दौरान सरकार खामोश रही।"

Point of View

बल्कि पूरे देश की सामाजिक ताने-बाने को भी हानि पहुँचाती हैं। हमें इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
NationPress
05/08/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार क्यों बढ़ रहे हैं?
यूनुस के शासन में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो सरकार के संरक्षण में हो रही है।
अवामी लीग ने इस पर क्या कहा है?
अवामी लीग ने इस स्थिति की कड़ी निंदा की है और इसे 1971 के नरसंहार के समान बताया है।
क्या बांग्लादेश अब तालिबानी राज्य बन गया है?
अवामी लीग ने यह सवाल उठाया है कि क्या बांग्लादेश अब एक 'छिपा हुआ तालिबानी राज्य' बन चुका है।
इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया क्या है?
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बांग्लादेश में मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता जताई है, लेकिन ठोस कार्रवाई की कमी है।
क्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ ये अत्याचार योजनाबद्ध हैं?
हां, अवामी लीग का कहना है कि ये हमले सुनियोजित और संगठित हैं, जो कि धार्मिक सफाए का हिस्सा हैं।