क्या बेरूत में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन भारतीय दूतावास द्वारा किया गया।
- इसमें 200 से अधिक लोग शामिल हुए।
- गीता का यूनेस्को में दर्ज होना मानवता के लिए महत्वपूर्ण है।
- भारतीय समुदाय की सक्रियता का प्रदर्शन हुआ।
- भारत और लेबनान के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध को सुदृढ़ करने का अवसर।
बेरूत, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बेरूत के लेबनानी राष्ट्रीय रंगमंच में 'अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव- 2025' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक लोग उपस्थित हुए। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन भारतीय दूतावास द्वारा किया गया था।
इस अवसर पर भगवद् गीता के शाश्वत ज्ञान का उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम में लेबनान में भारतीय राजदूत नूर रहमान शेख ने गीता महोत्सव के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि अप्रैल 2025 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के विश्व स्मृति रजिस्टर में भगवद् गीता को दर्ज किया जाएगा। गीता ने सदियों से मानव सभ्यता और चेतना का पोषण किया है, और अपने ज्ञान, करुणा और धार्मिकता के संदेशों से दुनिया को प्रेरित करती रही है।
भारतीय समुदाय और दूतावास के सदस्यों ने गीता पर अपने विचार साझा किए, जिसमें प्रसिद्ध श्लोकों का पाठ भी शामिल था। अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ बेरूत के प्रोफेसर दिगंबर पात्रा और लेबनानी योग प्रशिक्षक डोनिया निज्जर ने गीता की प्रासंगिकता पर जोर दिया।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और लेबनान के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना का 71वां वर्ष 2025 में मनाया जाएगा। दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। भारत ने 1954 में लेबनान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।
दोनों देशों में कई समानताएँ हैं, जैसे सांस्कृतिक समानता, लोकतांत्रिक संसदीय शासन प्रणाली, मानवाधिकारों का सम्मान, और एक जीवंत वैश्विक प्रवासी समुदाय।
लेबनान में लगभग 2,000 भारतीय समुदाय के सदस्य निवास करते हैं। इनमें से लगभग 850 भारतीय नागरिक नए अमेरिकी चांसरी भवन परियोजना में कार्यरत हैं। अन्य लोग कंपनियों, निर्माण क्षेत्र, और कृषि फार्मों में श्रमिक के रूप में काम करते हैं। दूतावास भारतीय समुदाय की भलाई सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देता है।