क्या चीन का इजरायल और ईरान संघर्ष को रोकने का आग्रह महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- चीन ने सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील की है।
- बातचीत और वार्ता समाधान का सही मार्ग है।
- किसी भी संघर्ष का समाधान बल से नहीं किया जा सकता।
- मध्य पूर्व में शांति की आवश्यकता है।
- चीन संबंधित पक्षों के साथ संवाद बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
बीजिंग, 16 जून (राष्ट्र प्रेस)। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कुओ च्याखुन ने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस का संचालन किया। एक पत्रकार ने मध्य पूर्व की वर्तमान स्थिति पर प्रश्न उठाया।
कुओ च्याखुन ने कहा कि हम सभी पक्षों से अनुरोध करते हैं कि वे तनाव को जल्दी से जल्दी कम करने के लिए तत्काल कदम उठाएं, ताकि क्षेत्र को और अधिक अराजकता में जाने से रोका जा सके। उन्होंने बातचीत और वार्ता के सही रास्ते पर लौटने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कुओ च्याखुन ने यह भी कहा कि यदि इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ता है, तो इसका सबसे बड़ा प्रभाव मध्य पूर्व के देशों पर पड़ेगा। उन्होंने बताया कि चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची और इजरायली विदेश मंत्री गिदोन सार से फोन पर संपर्क किया और दोनों पक्षों से बातचीत के माध्यम से मतभेदों को सुलझाने का आग्रह किया।
कुओ च्याखुन ने कहा कि बल के प्रयोग से स्थायी शांति नहीं लाई जा सकती। किसी भी अंतरराष्ट्रीय विवाद का समाधान बातचीत और परामर्श के माध्यम से किया जाना चाहिए। केवल सभी पक्षों की उचित चिंताओं को ध्यान में रखते हुए ही शांति स्थापित की जा सकती है। चीन सभी संबंधित पक्षों के साथ संवाद बनाए रखने, शांति को बढ़ावा देने और वार्ता को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि क्षेत्र में और अधिक अराजकता से बचा जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)