क्या इजरायल सच में एक आतंकी देश है? एसटी हसन का बयान

सारांश
Key Takeaways
- इजरायल को आतंकी देश करार दिया गया है।
- भारत की चुप्पी पर सवाल उठाए गए हैं।
- इंसानियत की रक्षा के लिए एकजुट होना आवश्यक है।
मुरादाबाद, 14 जून (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल और ईरान के बीच मौजूदा तनाव के बीच, पूर्व समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद डॉ. एसटी हसन ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने इजरायल को एक 'आतंकी देश' कहते हुए उस पर मानवता के खिलाफ जुल्म ढाने का आरोप लगाया। इसके साथ ही, उन्होंने भारत की चुप्पी पर भी सवाल उठाए।
डॉ. हसन ने कहा कि इजरायल ने हमला किया है। ईरान ने तो कोई छेड़खानी नहीं की थी। वह अपने रास्ते पर, तरक्की की दिशा में चल रहा था। ऐसे में उस पर हमला करना न केवल गलत है, बल्कि यह इंसानियत के खिलाफ भी है। उन्होंने सवाल किया कि जब अमेरिका, इजरायल और यूरोप के देशों को परमाणु बम रखने का अधिकार है, तो मुस्लिम देशों को क्यों नहीं? अगर ईरान बम बना भी रहा है, तो क्या सभी के परमाणु हथियार खत्म नहीं होने चाहिए? बाकी देश इन्हें रखकर दुनिया में दादागिरी कर रहे हैं।
पूर्व सांसद ने कहा कि इजरायल ने गाजा पट्टी में जो कुछ किया, वह इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। मासूम बच्चों की चीखें, मलबे में अपने मां-बाप की लाशें खोजते बच्चे, महिलाओं की मौतें, कैंपों पर हमले, अस्पतालों पर बमबारी और एम्बुलेंसों को उड़ाना, क्या यह सब अंतरराष्ट्रीय कानूनों और इंसानियत के खिलाफ नहीं है? उन्होंने सवाल किया कि ऐसे जुल्म के खिलाफ हमारी सरकार क्यों खामोश है? भारत तो वसुधैव कुटुम्बकम की बात करने वाला देश है, फिर हम इन मासूमों की तकलीफ देखकर क्यों नहीं बोले? इजराइल जो कर रहा है, अब उसका अंत निकट है। जब पानी सिर के ऊपर चला जाता है, तो ईश्वर ही इंसाफ करता है।
भारत की भूमिका पर उन्होंने कहा कि भारत गुटनिरपेक्ष देशों में से है और उसे केवल सच्चाई और इंसाफ का साथ देना चाहिए। जहां भी इंसानियत की बात हो, वहां भारत को खड़ा होना चाहिए।
इस्लाम के प्रति खतरे के सवाल पर हसन ने कहा कि इस्लाम को कोई खतरा नहीं है। इजराइल केवल इतना चाहता है कि किसी भी इस्लामी मुल्क में परमाणु हथियार न हों, जबकि वह खुद जुल्म करता चला जाए। उसका सपना है 'ग्रेटर इजराइल' बनाना, जिसमें वह आस-पास के देशों की जमीन हड़पना चाहता है। लेकिन यह सपना कभी पूरा नहीं होगा। जिस दिन सारे इस्लामी मुल्क और हिंदुस्तान इसके खिलाफ खड़े हो गए, इजराइल का नामोनिशान मिट जाएगा।
सऊदी अरब द्वारा ईरान को समर्थन न देने के आरोपों पर उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने स्पष्ट कहा है कि ईरान उसका भाई है और उसके ऊपर अटैक नहीं होना चाहिए। इंसानियत की रक्षा के लिए सबको साथ आना होगा। ईरान केवल अपने डिफेंस के लिए काम कर रहा है, वह कोई हमला नहीं कर रहा। अगर वह बम बना रहा है तो वो भी अपनी सुरक्षा के लिए। क्या यही उसका गुनाह है?