क्या आठ देशों के प्रतिनिधियों ने शीत्सांग का दौरा किया?

सारांश
Key Takeaways
- शीत्सांग की पारंपरिक संस्कृति का संरक्षण
- आधुनिक शिक्षा की विकासशीलता
- पारंपरिक चिकित्सा में नवाचार
- अंतरराष्ट्रीय संवाद का महत्व
- स्थानीय लोगों की गर्मजोशी भरा आतिथ्य
बीजिंग, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में, रूस, स्विट्जरलैंड, मंगोलिया, जापान, थाईलैंड, भारत, नेपाल और श्रीलंका से संबंधित मीडिया और शैक्षणिक क्षेत्र के 15 प्रतिनिधियों के एक समूह ने चीन के शीत्सांग का दौरा किया।
इस प्रतिनिधिमंडल ने नींगत्छ और ल्हासा शहरों का भ्रमण किया, जहाँ उन्होंने पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण, आधुनिक बुनियादी शिक्षा के विकास और पारंपरिक चिकित्सा की विरासत पर गहन अध्ययन किया।
नींगत्छ शहर में, प्रतिनिधिमंडल को किसानों और चरवाहों के परिवारों के साथ समय बिताने का अवसर मिला, जिससे उन्हें लोगों के दैनिक जीवन का गहराई से अनुभव प्राप्त हुआ। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने शीत्सांग के लोगों के गर्मजोशी भरे आतिथ्य, उनकी पारंपरिक वेशभूषा की उत्कृष्ट शिल्प कौशल और उनके व्यंजनों के अनूठे स्वाद की प्रशंसा की।
ल्हासा पहुँचने पर, प्रतिनिधिमंडल ने पहले भव्य लाइव-एक्शन नाटक "राजकुमारी वनछंग" का आनंद लिया। इसके बाद, उन्होंने बौद्ध संस्कृति और स्थापत्य कला के अद्वितीय आकर्षण को समझने के लिए ऐतिहासिक पोताला पैलेस और जोखांग मंदिर का दौरा किया।
शिक्षा के क्षेत्र में, प्रतिनिधिमंडल ने ल्हासा प्रायोगिक प्राथमिक विद्यालय का दौरा किया, जहाँ उन्हें आधुनिक शिक्षण सुविधाओं और समृद्ध शैक्षिक संसाधनों से विशेष रूप से प्रभावित किया गया। चिकित्सा विश्वविद्यालय और उसके संबद्ध अस्पताल में, सदस्यों ने चिकित्सा की प्राचीन विरासत और उसमें हो रहे नवाचारों की गहन समझ प्राप्त की।
अपनी यात्रा के दौरान, प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने शीत्सांग की विकास उपलब्धियों के प्रति बार-बार अपनी स्वीकृति और प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने पश्चिमी मीडिया द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली झूठी रिपोर्टों को सही करने का भी आह्वान किया। इस क्षेत्रीय दौरे और गहन आदान-प्रदान के माध्यम से, इस यात्रा ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को शीत्सांग के शांतिपूर्ण और समृद्ध जीवन, इसकी सांस्कृतिक विरासत, शैक्षिक नवाचारों और चिकित्सा विकास में प्राप्त विविध उपलब्धियों से अवगत कराया।