क्या गुयाना में वैश्विक जैव विविधता शिखर सम्मेलन में इसरो-सीएसआईआर की तकनीकों का प्रदर्शन किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- इसरो और सीएसआईआर की तकनीकों का प्रदर्शनी में प्रदर्शन।
- गुयाना सरकार के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम।
- जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता प्रबंधन में सहयोग।
- भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल।
- गुयाना और भारत के बीच मजबूत साझेदारी।
जॉर्जटाउन, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। गुयाना में भारतीय उच्चायोग ने गुरुवार को एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा विकसित नई तकनीकों को दर्शाया गया।
यह प्रदर्शनी गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन में हो रहे 'ग्लोबल बायोडायवर्सिटी अलायंस समिट' के अवसर पर आयोजित की गई।
प्रदर्शनी में रिसोर्स मैपिंग, जलवायु अनुकूलन, कृषि और अन्य संबंधित क्षेत्रों में नई तकनीकों का प्रदर्शन किया गया।
भारतीय उच्चायोग ने एक्स पर लिखा, "यह प्रदर्शनी गुयाना सरकार के सहयोग से आयोजित की गई है, जो सतत विकास और नवाचार में हमारे बढ़ते संबंधों को दर्शाती है। हम गुयाना के राष्ट्रपति के समर्थन के लिए आभार व्यक्त करते हैं।"
उच्चायोग ने बताया कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि का हिस्सा है। इसके माध्यम से भारत गुयाना, कैरिकॉम, और वैश्विक दक्षिण के अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ा रहा है।
उच्चायोग ने बताया कि नवंबर २०२४ में गुयाना की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्जटाउन में दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था। उन्होंने भारत और कैरिकॉम के साझेदारों के बीच एक मजबूत और बहुआयामी सहयोग की बात की थी।
इसरो की टीम जैव विविधता संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने वाले 'ग्लोबल बायोडायवर्सिटी अलायंस समिट' में भाग लेने गुयाना गई है।
प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) के वैज्ञानिक जी. श्रीनिवास राव, पृथ्वी अवलोकन और आपदा प्रबंधन कार्यक्रम कार्यालय के जी.एस. पुजार और एनआरएससी के वन, जैव विविधता और पारिस्थितिकी विभाग के प्रमुख सुधाकर रेड्डी चिंताला शामिल हैं।
उच्चायोग के अनुसार, यह दौरा जैव विविधता प्रबंधन, पर्यावरण विज्ञान, जलवायु परिवर्तन, कृषि, आपदा प्रबंधन और अंतरिक्ष से संबंधित अन्य कार्यों में गुयाना के साथ भारत के सहयोग को दर्शाता है।