क्या एस जयशंकर की अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो से मुलाकात ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया?
सारांश
Key Takeaways
- भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और मार्को रुबियो के बीच महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
- भारत ने तेल आयात के स्रोत में बदलाव की योजना बनाई है।
- आसियान शिखर सम्मेलन में भाग लेने का अवसर मिला।
- सिंगापुर और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की।
- मलेशिया आसियान का अध्यक्ष है और सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है।
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो से महत्वपूर्ण मुलाकात की। इस बैठक की तस्वीर उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा की।
विदेश मंत्री जयशंकर वर्तमान में मलेशिया में आसियान शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। इस सम्मेलन में वह भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और साथ ही अन्य देशों के विदेश मंत्रियों से भी मिल रहे हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ इस मुलाकात को लेकर जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आज सुबह कुआलालंपुर में मार्को रुबियो से मिलकर खुशी हुई। हमारे द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की सराहना की।"
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि भारत रूस से तेल खरीदना कम कर देगा। इस पर मार्को रुबियो ने बताया कि भारत अपने तेल आयात के स्रोत में बदलाव करना चाहता है। भारत एक ही देश से नहीं, बल्कि विभिन्न देशों से तेल खरीदने की योजना बना रहा है।
इसके अलावा, जयशंकर ने रविवार को आसियान सम्मेलन के दौरान सिंगापुर और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की। उन्होंने सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन के साथ सहयोग को मजबूत करने के अवसरों पर चर्चा की।
विदेश मंत्री जयशंकर ने थाईलैंड के विदेश मंत्री सिहासक फुआंगकेतकेओ के साथ भी पहली मुलाकात की। उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के प्रति उत्सुक हैं।
उन्हें मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से भी मुलाकात का अवसर मिला, जिसमें उन्होंने आसियान शिखर सम्मेलन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं।
ज्ञात रहें, मलेशिया आसियान के अध्यक्ष के रूप में 26 से 28 अक्टूबर तक कुआलालंपुर में 'समावेश और स्थिरता' विषय पर 47वें आसियान शिखर सम्मेलन की मेज़बानी कर रहा है।
इसके अतिरिक्त, जयशंकर ने मलेशियाई बैठकों के दौरान अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष चो ह्यून से भी मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की।