क्या बांग्लादेश में हिंदुओं ने डर के बीच दुर्गा पूजा मनाई? शेख हसीना के बेटे ने जताई चिंता

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क्या बांग्लादेश में हिंदुओं ने डर के बीच दुर्गा पूजा मनाई? शेख हसीना के बेटे ने जताई चिंता

सारांश

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू समुदाय डर और असुरक्षा के माहौल में पूजा कर रहा है। क्या यह कट्टरवाद का परिणाम है? जानें सजीब वाजेद के विचार और स्थिति।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में हिंदू समुदाय दुर्गा पूजा के दौरान डर का सामना कर रहा है।
  • कट्टरवाद ने धार्मिक उत्पीड़न को फिर से जन्म दिया है।
  • सजीब वाजेद ने सुरक्षा के मुद्दों पर चिंता जताई है।
  • आवामी लीग अल्पसंख्यकों की रक्षा करने का प्रयास कर रही है।
  • धर्मनिरपेक्षता और समानता का मूल्यांकन आवश्यक है।

ढाका, 2 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने यह आरोप लगाया है कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चल रही अंतरिम सरकार ने देश में कट्टरवाद को बढ़ावा दिया है, जिसके परिणामस्वरूप धार्मिक उत्पीड़न एक बार फिर सामने आ गया है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय दुर्गा पूजा को डर और असुरक्षा की भावना के साथ मना रहे हैं। सजीब वाजेद पहले प्रधानमंत्री के सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सलाहकार रह चुके हैं।

उन्होंने कहा, "दुर्गा पूजा भक्ति और उत्सव का समय है, यह त्योहार अच्छाई की बुराई पर जीत का प्रतीक है। लेकिन इस वर्ष, हमारे हिंदू भाई-बहन बांग्लादेश में पूजा को भय और अनिश्चितता के माहौल में मना रहे हैं। यूनुस सरकार के तहत कट्टरपंथियों का उदय धार्मिक उत्पीड़न की पुरानी छाया को वापस ला रहा है।"

पूर्व सलाहकार ने यह भी बताया कि इस दौरान मंदिरों पर हमले हुए, परिवारों को धमकाया गया और स्वतंत्र रूप से पूजा करने का अधिकार एक बार फिर खतरे में है।

वाजेद ने कहा कि वही कट्टरपंथी, जिन्होंने कभी बांग्लादेश की आज़ादी का विरोध किया था, अब और अधिक साहसिक हो गए हैं और 1971 के स्वतंत्रता संग्राम की भावना बनाए रखने वालों में आतंक फैला रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आवामी लीग हमेशा से बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की रक्षा करने वाली पार्टी रही है। पार्टी ने 1971 में नष्ट हुए मंदिरों को पुनर्निर्मित किया, हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों को उनकी आस्था के अनुसार पूजा करने का अधिकार दिलाया और सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए कड़े उपाय लागू किए।

वाजेद ने कहा, "धर्मनिरपेक्षता और समानता हमारी राजनीति का मूल सिद्धांत रहे हैं, क्योंकि बांग्लादेश एकता के दृष्टिकोण से पैदा हुआ था, विभाजन से नहीं। आज जब हमारे हिंदू भाई-बहन मां दुर्गा की पूजा कर दीप जलाते हैं, तो हम इस डर के माहौल को नजरअंदाज नहीं कर सकते। लेकिन हमें यह भी पता है कि यह अंधकार स्थायी नहीं है।"

सजीब वाजेद ने आश्वस्त किया कि आवामी लीग एक बार फिर सत्ता में लौटेगी और "हर हिंदू, हर अल्पसंख्यक अपने धर्म को बिना डर के मना सकेगा और इस देश में पूरी गरिमा और स्वतंत्रता के साथ जीवन यापन करेगा।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय है। हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि सभी नागरिकों को बिना किसी डर के अपने धार्मिक अधिकारों का पालन करने का पूरा हक है।
NationPress
02/10/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की स्थिति क्या है?
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय इस समय डर और असुरक्षा के माहौल में अपनी धार्मिक गतिविधियों का पालन कर रहा है।
सजीब वाजेद ने क्या कहा है?
सजीब वाजेद ने कट्टरवाद के बढ़ते प्रभाव और धार्मिक उत्पीड़न के बारे में चिंता जताई है।
क्या आवामी लीग अल्पसंख्यकों की रक्षा कर रही है?
आवामी लीग ने हमेशा बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कार्य किए हैं।
दुर्गा पूजा के दौरान क्या समस्याएं आई हैं?
दुर्गा पूजा के दौरान मंदिरों पर हमले और परिवारों को धमकाने की घटनाएं सामने आई हैं।
क्या बांग्लादेश में धार्मिक सहिष्णुता बढ़ रही है?
इस समय धार्मिक सहिष्णुता में कमी आई है, जिससे अल्पसंख्यक समुदाय को परेशानी हो रही है।