क्या ईरान के राष्ट्रपति ने इराक के एनएसए के साथ सहयोग की बात की?

सारांश
Key Takeaways
- ईरान और इराक के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की कोशिशें।
- सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर जोर।
- नियमित राजनयिक आदान-प्रदान का महत्व।
- 2023 के द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते की पुष्टि।
- क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने की संभावनाएं।
तेहरान, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने इराक के साथ सभी क्षेत्रों में संबंधों को सुधारने और विस्तारण का आह्वान किया। यह जानकारी ईरानी राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में दी गई।
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को तेहरान में इराकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कासिम अल-अराजी और ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के बीच बातचीत हुई। इस दौरान, राष्ट्रपति पेजेशकियन ने इराक के साथ द्विपक्षीय संबंधों को "उत्कृष्ट" बताया और कहा कि घनिष्ठ सहयोग दोनों देशों और मुस्लिम जगत के बीच सुरक्षा, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने में सहायक हो सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि नियमित राजनयिक आदान-प्रदान आपसी समझ को बढ़ावा दे सकता है और क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर एक समन्वित दृष्टिकोण बनाने में मदद कर सकता है।
इराक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अल-अराजी ने कहा कि ईरान की सुरक्षा इराक की सुरक्षा से गहराई से जुड़ी हुई है। ईरान की ओर से जारी बयान के अनुसार, इराक के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने 2023 के द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते के प्रति बगदाद की प्रतिबद्धता स्पष्ट की। इसके साथ ही उन्होंने इराक की सीमा से ईरान की ओर आने वाले किसी भी खतरे को रोकने का वादा किया।
यह उल्लेखनीय है कि अल-अराजी सोमवार को वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए तेहरान पहुंचे। इस बातचीत में सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली लारीजानी, संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाकर कलीबाफ और आईआरजीसी के मुख्य कमांडर मोहम्मद पाकपुर शामिल थे।
इससे पहले अगस्त 2025 में, इराक और ईरान ने दोनों देशों की साझा सीमाओं पर सुरक्षा समन्वय हेतु एक संयुक्त सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
इराक के प्रधानमंत्री के मीडिया कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली लारीजानी और इराकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कासिम अल-अराजी ने हस्ताक्षर किए।